डायबिटीज: स्तनपान कराने से शिशुओं और महिलाओं को मधुमेह के खिलाफ मदद मिल सकती है
डायबिटीज: स्तनपान कराने से शिशुओं और महिलाओं को मधुमेह के खिलाफ मदद मिल सकती है
हाल ही में हुए शोध के अनुसार, शिशुओं और महिलाओं को स्तनपान के माध्यम से मधुमेह रोग विकसित होने से बचाया जा सकता है। इस वर्तमान अध्ययन में कहा गया है कि जितनी अधिक देर तक महिलाओं का पोषण होता है, मधुमेह के विकास के उनके जोखिम उतने ही कम होंगे। स्तनपान तब होता है जब एक महिला अपने स्तनों से उत्पन्न दूध से बच्चे या छोटे बच्चे को दूध पिलाती है। एक बच्चे को दूध पिलाने के लिए सबसे अच्छी बात स्तन का दूध है, जैसा कि विशेषज्ञों का कहना है, अगर मां को संक्रामक संक्रमण नहीं है।
डायबिटीज एक मेडिकल डिसऑर्डर के रूप में होता है, जो अलग-अलग या लगातार बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल के कारण होता है, खासतौर पर खाने के कारण, यह एक गंभीर बीमारी है, जिसके लक्षण सभी तरह के डायबिटीज के लिए समान होते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार स्तनपान कराने से माताओं का चयापचय बदल सकता है जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद कर सकता है और शरीर को रक्त शर्करा-विनियमन हार्मोन इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं कम से कम एक वर्ष तक स्तनपान करती थीं, उनमें मधुमेह टाइप 2 विकसित होने की संभावना लगभग 15 प्रतिशत उन लोगों की तुलना में कम थी, जिन्होंने कभी स्तनपान नहीं किया था। स्तनपान के प्रत्येक अतिरिक्त वर्ष के लिए, जोखिम में 15 प्रतिशत की कमी आई है।
इस प्रकार स्प्ष्ट है कि स्तनपान कराने से महिलाओं तथा शिशुओं को मधुमेह रोग होने का जोखिम काफी कम हो जाता है। मधुमेह एक गंभीर बीमारी है। मधुमेह के किसी लक्षण के प्रकट होने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क कर के परामर्श लेना चाहिए।