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रस्सी कूदने के फायदे Health Benefits Of Skipping In Hindi

रस्सी कूदने के फायदे   

संसार में भला कौन ऐसा व्यक्ति है जो कि शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ नही रहना चाहता। प्रत्येक व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ तथा निरोग रहना चाहता हैं। हिन्दी में एक कहावत है “तन्दुरुस्ती हजार नियामत है”। यानी स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। स्वस्थ रहने के लिए सन्तुलित आहार के साथ-साथ योगासन / वर्जिस परम आवश्यक है परम आवश्यक हैं परन्तु आजकल के बदलते व्यस्ततम परिवेश में अधिकांश लोग ऐंसे हैं जिनके पास या तो स्वस्थ रहने के लिए जिम जाने के लिए समय नही है या वे जहां रहते हैं वहां पर आस-पास कोई जिम नही है या फिर जिम ज्वाइन करने के लिए पैसे का अभाव है। आज हम यहां पर आप को रस्सी कूदने के बारे में बता रहें हैं जिसे करने के लिए आप को कही बाहर जाने की आवश्यकता नही है। इसे आप अपने घर पर ही करके अपने शरीर को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बना सकते  हैं। रस्सी कूदने के एक नही कई लाभ हैं।

ऐसे लोग जो दिल की बीमारी से ग्रसित हैं, हाई ब्लड प्रेसर से पीडित है, अस्थमा रोग से पीड़ित हैं या कर्जरी कराये हैं उन्हे रस्सी कूदने का अभ्यास नही करना चाहिए।

रस्सी कूदने का समयः

रस्सी कूदने का अभ्यास खाली पेट सुबह के समय करना चाहिए। शाम को भी रस्सी कूदने का अभ्यास कर सकते हैं परन्तु अभ्यास करने के 4 घण्टे के अन्दर कुछ न खाए हों। जिनका वजन बढ़ा हुआ है उन्हें सुबह शाम दोनों टाइम रस्सी कूदने का अभ्यास करना चाहिए। बेहतर परिणाम के लिए 15 से 20 मिनट तक रस्सी कूदने का अभ्यास करना आवश्यक हैं।

रस्सी कूदने का तरीकाः

रस्सी कूदने के तीन तरीके हैः दो पैर से रस्सी कूदना, एक पैर से रस्सी कूदना तथा हाथ क्रास करते हुए रस्सी कूदना। दो पैर से रस्सी कूदना आसान होता है जबकि एक पैर से रस्सी कूदना कठिन होसकता है। इसलिए प्रारम्भ में एक पैर से ही रस्सी कूदने का अभ्यास करना चाहिए। दो पैर से रस्सी कूदने का अभ्यास हो जाने के बाद एक पैर से रस्सी कूदने का अभ्यास करना चाहिए। इसके बाद दोनों हाथ क्रास करते हुए रस्सी कूदने का अभ्यास करना चाहिए

रस्सी कूदने से लाभः

कैलोरी बर्न करने में बेहद कारगर हैः रस्सी कूदने से तेजी से कैलोरी बर्न होती है तथा शरीर में निखार आता हैं। वे लोग जो मोटापा से परेशान हैं, वजन बढ़ता जा रहा है। उनके लिए यह योगासन संजीवनी समान है। ऐसे लोग यदि प्रतिदिन नियमित रूप से रस्सी कूदने का अभ्यास करते हैं तो उनका मोटापा घट जाता है और शरीर स्वस्थ व सुडौल हो जाता है। शरीर में एक नई ऊर्जा, चुस्ती-फुर्ती तथा उमंग का संचार होता है।

कोलेस्ट्राल कम करता हैः रस्सी कूदने का नियमित अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्राल कम हो जाता है। जिन लोगों को कोलेस्ट्राल बढ़ हुऐ हैं। उनके लिए रस्सी कूदना अत्यन्त लाभकारी है। ऐसे लोग यदि नियमित रस्सी कूदने का अभ्यास करते हैं तो उनका कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।

वजन कम हो जाता हैः रस्सी कूदने का नियमित अभ्यास करने से शरीर का वजन तेजी से घटता है। जिन लोगों का वजन काफी बढ़ गया है या तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। यदि वे रस्सी कूदने का नियमित अभ्यास करते हैं तो उनका वजन घट कर सामान्य हो जाता है। शरीर सुडौल हो जाता है।

शरीर में रक्त संचार अच्छा हो जाता हैः नियमित रूप से रस्सी कूदने का अभ्यास करने से सम्पूर्ण शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से होता है. जिससे साइटिका होने की संभावना नही रहती है।

लम्बाई बढ़ाने में सहायक हैः रस्सी कूदने का नियमित अभ्यास करने पर लम्बाई बढ़ जाती है परन्तु लम्बाई 25 वर्ष की उम्र तक ही बढ़ती है। जिन बच्चों की लम्बाई नही बढ़ रही है। यदि वे नियमित रूप से प्रतिदिन सुबह शाम 15 से 20 मिनट तक रस्सी कूदने का अभ्यास करते  हुए सन्तुलित आहार लेते हैं तो उनकी लम्बाई बढ़ जाती है।

स्टेमिनावर्ध्क हैः रस्सी कूदना शरीर की स्टेमिना बढ़ाने का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगासन है। नियमित रूप से रस्सी कूदने का अभ्यास करने पर शरीर एक्टिवेट हो जाता है तथा स्टेमिना बढ़ जाती है।

मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैः नियमित रूप से 15 से 20 मिनट तक रस्सी कूदने का अभ्यास करने पर मांसपेशियां मजबूत हो जाती है तथा मांसपेशियों की कार्य प्रणाली बेहतर हो जाती है।

शरीर के जोड़ सक्रिय हो जाते हैः अधिक उम्र के व्यक्तियों में फिजिकल एक्टीविटी के अभाव / कमी के कारण शरीर के जोड़ों (कंधे, घुटने, टखने, कूल्हे, गर्दन आदि) में दर्द होने लगता है। रस्सी कूदने का  नियमित अभ्यास करने से मानव शरीर के जोड़ सक्रिय हो जाते हैं तथा उनमें होने वाला दर्द समाप्त हो जाता है।

शरीर की हड्डियां मजबूत हो जाता हैः अधिक उम्र के व्यक्तियों में फिजिकल एक्टीविटी के अभाव / कमी के हड्डियां कमजोर हो जाती है। रस्सी कूदने का  नियमित अभ्यास करने से मानव शरीर की हड्डियां मजबूत हो जाती हैं। बोन डेंसिटी में सुधार हो जाता है।

श्वसन तन्त्र मजबूत हो जाता हैः रस्सी कूदने का  नियमित अभ्यास करने से मानव शरीर के श्वसन तन्त्र सक्रिय होकर मजबूत हो जाते हैं। पल्मोनरी में सुधार हो जाता है।

हृदय स्वस्थ हो जाता हैः रस्सी कूदने का  नियमित अभ्यास करने से कोलेस्ट्राल घट जाता है जिसके कारण हृदयाघात होने का खतरा कम हो जाता है तथा हृदय स्वस्थ हो जाता है।

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