आंलिव आयल के 11 बेहतरीन फायदे व नुकसान

Contents
आंलिव आयल के 11 बेहतरीन फायदे व नुकसान
आंलिव एक औषधीय वृक्ष है जिसका वानस्पतिक नाम ओलिया यूरोपिया है। आंलिव स्वाद में कसैला होता है जो वात, पित्त शामक है। ओलिव के कई नाम हैं। आंलिव को हिन्दी में जैतून कहा जाता है। जैतून को अंग्रेजी भाषा में आंलिव, हिन्दी तथा उर्दू भाषा में जैतून, तमिल में आंलिव, कन्नड़ भाषा में जूलिपे, अरैबिक में जायतून, तथा तेलगू भाषा में जैतून के नाम से जाता है। आंलिव (जैतून) में विटामिन-ए, विटामिन-डी, विटामिन-ई, विटामिन-के, पोलीफेनाल, टायरोसोल, मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओलियोरोपिन, सायटोस्टेरोल, हाइड्रोजेट्रोसोल, ओलियोकैंथोल आदि पाये जाते हैं। आंलिव में एंटीआक्सीडेन्ट तथा एंटीट्यूमर का सक्रिय गुण पाया जाता है।
जैतून के फलों से तेल निकाला जाता है। जो कि बहुऔषधीय तथा पौष्टिक होता है। जैतून के तेल को ओलिव आयल कहा जाता है। जैतून का तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। जैतून का तेल खाया जाता है, शरीर की त्वचा तथा बालों में मालिश किया जाता है, हेयर पैक तथा फेस पैक के रूप में भी उपयोग किया जाता है, कैपसूल बनाकर उपयोग किया जाता है।
जैतून का तेल (ओलिव आंयल) मुख्यतया चार प्रकार का होता हैः एक्सट्रा वर्जिन ओलिव आयल, वर्जिन ओलिव आयल, पोमेस ओलिव आयल तथा रिफाइंड ओलिव आयल। एक्सट्रा वर्जिन ओलिव आयल में एसिडिटी सबसे कम होती है तथा यह आयल खाने के लिए सर्वोत्तम है।
आंलिव आयल के सेवन के फायदेः
- पेट सम्बन्धी विकार दूर हो जाते हैः एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच जैतून का तेल तथा 5 से 6 बूंद कागजी नीबू का रस अच्छी तरह से मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से पेट सम्बन्धी विकार कब्ज, गैस, अपच दूर हो जाते हैं तथा भूख बढ़ जाती है।
- कोलेस्ट्राल कम हो जाता हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से इसमें पाया जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड बैड कोलेस्ट्राल को कम करके कोलेस्ट्राल नियन्त्रित कर देता है।
- मेटाबालिज्म बढ़ जाता हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से इसमें पाया जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर के मेटाबालिज्म को बढ़ा देता है।
- वजन कम हो जाता हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से इसमें पाया जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर के वजन को कम कर देता है।
- हाई ब्लड प्रेशर में अत्यन्त लाभकारी हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से इसमें पाया जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण शरीर के हाई ब्लड प्रेशर को कम कर देता है।
- हाइपरटेंशन का जोखिम कम हो जाता हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से इसमें पाया जाने वाला मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण हाइपरटेंशन के जोखिम को कम कम कर देता है।
- डिप्रेशन में अत्यन्त लाभदायक हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से शरीर में वात रोग सन्तुलित होकर डिप्रेशन कम हो जाता है।
- बालों का डैंड्रफ नष्ट हो जाता हैः एक अण्डे को तोड़ कर उसके पीले भाग को बाहर निकल दें, सफेद भाग में तीन चम्मच जैतून का तेल अच्छी तरह से मिला लें। इस हेयर पैक को सिर तथा बालों में लगाकर धीरे-धीरे 5 मिनट तक मसाज करें। 30 से 40 मिनट बाद शैम्पू तथा ठण्डे पानी से बालों को अच्छी तरह से धुल दीजिए । इस हेयर पैक का प्रयोग सप्ताह में दो बार करते हुए लियमित रूप से 2 से 3 सप्ताह तक करने से बालों का डैंड्रफ नष्ट हो जाता है, बाल रेशमी, मुलायम, चमकदार तथा लम्बे हो जाते हैं।
- कैंसर रोग से बचाव करता हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से इसमें पाया जानें वाला एंटीट्यूमर व एंटीआक्सीडेन्ट गुण कैंसर कोशिकाओं को विकसित नही होने देता तथा मार देता है।
- हृदय स्वस्थ रहता हैः नियमित रूप से ओलिव आयल खाने से हृदय स्वस्थ रहता है तथा हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है।
- चेहरे की झुर्रियां कम हो जाती हैः दो चम्मच जैतून का तेल तथा एक चमम्च देशी नीबू का रस तथा एक चम्मच गुलाब जल आपस में अच्छी तरह से मिलाकर चेहरे पर लगायें। आधे घण्टे बाद ठण्डे पानी से धुल दें। इस फेस पैक का प्रयोग सप्ताह में दो बार करते हुए तीन से चार सप्ताह तक करने से चेहरे की झुर्रियां कम हो जाती है, चेहरे पर निखार आ जाता है। त्वचा जवां हो जाती है। उम्र का प्रभाव कम हो जाता है।
आंलिव आयल के सेवन के नुकसानः
जैतून के तेल का अधिक सेवन करने से एलर्जी की समस्या हो सकती है। ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। मुहांसे हो सकते हैं। पेट तथा हृदय सम्बन्धी समस्याएं हो सकती हैं। जो एलर्जी के शिकार हो उन्हें जैतून के तेल का सेवन नही करना चाहिए। जो लोग ब्लड प्रेशर की दवा का सेवन कर रहे हों उन्हें जैतून के तेल का सेवन चिकित्सक से परामर्श लेकर करना चाहिए।
डिक्लेमरः इस लेख में प्रकाशित सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों तथा जानकारी को किसी चिकित्सक की सलाह के तौर पर न लें। बीमारी की स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।