काफी पीने के 11 महत्वपूर्ण स्वास्थ्य फायदे तथा नुकसान

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काफी पीने के 11 महत्वपूर्ण स्वास्थ्य फायदे तथा नुकसान
विश्व में काफी का सबसे अधिक उत्पादन ब्राजील में किया जाता है। काफी एक पौष्टिक पदार्थ है जो कि “काफिया अरेबिका” नामक वृक्ष के फल को तोड़कर भूनकर पीस कर तैयार किया जाता है। वर्तमान समय में काफी विश्व में एक अत्यधिक प्रचलित पेय पदार्थ हैं जिसका प्रयोग लोगों द्वारा बड़े शौक से किया जाता है। काफी के सेवन से बहुत से फायदे हैं परन्तु अधिक सेवन से फायदे के स्थान पर कुछ नुकसान भी होते हैं। अब प्रश्न उठता है कि काफी में ऐसे कौन-कौन से तत्व पाये जाते हैं जिसके कारण काफी फायदेमन्द होती है? काफी को कब सेवन किया जाय? कितनी मात्रा में सेवन किया जाय? काफी से कौन-कौन से लाभ होते हैं? कौन-कौन से नुकसान होते हैं? काफी सेवन के कौन-कौन से तरीके हैं? उपरोक्त सभी प्रश्नों का समाधान करते हुए इस लेख को प्रकाशित किया जा रहा है जिसका भलीभांति अध्ययन करके ज्ञानार्जन कर लाभ उठाया जा सकता है।
काफी में पाये जाने वाले तत्वः
काफी एक पौष्टिक पेय पदार्थ है। एक कप काफी में विटामिन-ई 0.024 मिग्रा0, प्रोटीन 0.288 ग्राम0, कैफीन 400 मिग्रा0, फैट 0.5 मिग्रा0, कैल्शियम 4.8 मिग्रा0 तथा पोटैशियम 118 मिग्रा0 पाया जाता है। काफी एंटीआक्सीडेन्ट गुणों से समृध्द हैं।
काफी सेवन के तरीकेः
काफी का सेवन कई प्रकार से किया जाता है। क्रीमयुक्त दूध में चीनी, इलायची तथा काफी पाउडर मिलाकर स्वादिष्ट काफी बनाकर सेवन किया जाता है। जल में बर्फ के छोटो-छोटे टुकड़े, चीनी तथा काफी पाउडर मिलाकर मिक्सर में अच्छी तरह से मिक्स करके कोल्ड काफी बना कर सेवन किया जाता है। जल में काफी पाउडर डालकर उबाल कर काफी का सेवन किया जाता है।
काफी सेवन का उचित समयः
काफी का सेवन खाली पेट नही करना चाहिए। काफी का सेवन सुबह, दोपहर तथा शाम कभी भी किया जा सकता है। काफी सेवन के लिए सुबह का समय सर्वोत्तम है।
काफी सेवन की मात्राः
एक वयस्क स्वस्थ व्यक्ति प्रतिदिन दो से 03 कप काफी का सेवन कर सकता है। इससे अधिक काफी का सेवन नही करना चाहिए। अवयस्क किशोर बच्चे, गर्भवती महिलाएं तथा बुजुर्ग एक दिन में एक कप काफी का सेवन कर सकते हैं।
काफी पीने से होने वाले फायदेः
- मधुमेह का जोखिम कम हो जाता हैः काफी का नियमित एवं समुचित मात्रा में सेवन करने से मधुमेह रोग का जोखिम कम हो जाता है परन्तु काफी में चीनी न मिलायी जाय।
- अल्कोहलिक तथा नान अल्कोहलिक सिरोसिस में अत्यन्त लाभकारी हैः अल्कोहलिक तथा नान अल्कोहलिक सिरोसिस लीवर के रोग हैं जिसमें लीवर से में सूजन आ जाती है। काफी का नियमित एवं समुचित मात्रा में सेवन करने से अल्कोहलिक तथा नान अल्कोहलिक सिरोसिस में अत्यन्त लाभ होता है । लीवर की सूजन घट जाती है। लीवर स्वस्थ रहता है। लीवर कैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
- त्वचा को स्वस्थ रखता हैः काफी का नियमित एवं समुचित मात्रा में सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन पैराबैगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करती है तथा चर्बी नही जमने देता है। त्वचा स्वस्थ एवं सुन्दर रहती है।
- शरीर का वजन कम हो जाता हैः काफी का नियमित रूप से सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन शरीर के मेटाबालिज्म को बढ़ा देता है जिससे शरीर में पूर्व से जमा चर्वी धीरे-धीरे कम होने लगती है तथा वजन घट जाता है।
- पाचन तन्त्र स्वस्थ हो जाता हैः काफी का नियमित रूप से सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण पाचन तन्त्र को स्वस्थ रखता है।
- हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता हैः काफी का नियमित रूप से सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन, विटामिन-ई तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण मनुष्य के हृदय में हृदयाघात, स्ट्रोक आदि का जोखिम कर देता है।
- तनाव कम हो जाता हैः काफी का नियमित रूप से सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन तनाव को कम देता है।
- अवसाद दूर करनें मे कारगर हैः काफी का नियमित रूप से सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन धीरे-धीरे अवसाद खत्म कर देता है।
- थकान दूर हो जाती हैः काफी का सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला कैफीन तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण थकान दूर कर देता है।
- अस्थमा रोग में अत्यन्त लाभकारी हैः काफी का नियमित सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला विटामिन-ई, कैफीन तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण अस्थमा रोग में काफी लाभ पहुंचाता है।
- पार्किंसन तथा अल्जाइमर रोग में अत्यन्त लाभकारी हैः काफी का नियमित सेवन करने से काफी में पाया जाने वाला विटामिन-ई तथा एंटीआक्सीडेन्ट गुण पारकिंसन तथा अल्जाइमर रोग में काफी लाभ पहुंचाता है।
काफी पीने से होने नाले नुकसानः
अधिक मात्रा में काफी का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को गर्भपात हो सकता है। गर्भवती स्त्री को प्रतिदिन मात्र एक कप काफी का सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में काफी का सेवन करने से अनिद्रा, सिर दर्द, घबराहट, कब्ज, दिल की धड़कन तेज होने की समस्या हो सकती है।