जीरा खाने के 20 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ

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जीरा खाने के 20 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ
जीरा सम्पूर्ण भारत में सर्वत्र सुलभ है जिसे मसालों का राजा कहा जाता है जिसका प्रयोग प्रत्येक रसोई में किया जाता है। जीरा का वैज्ञानिक नाम क्यूमिनम सायमिनम है। जीरे के कई नाम है। हिन्दी में जीरा, उर्दू में जीराह, मलयालम में जीराकाम, नेपाली में जीरा, गुजराती में जीरू, कन्नड़ में जीरिगे, तेलगू में जिलकारा, तमिल में शीरागम, बंगाली में सादाजीरा, मराठी में जीर्रे तथा अंग्रेजी भाषा में क्यूमिन नाम से जाना जाता है। जीरा तीन प्रकार का होता हैः काला जीरा, सफेद जीरा और अरण्य जीरा। अरण्य जीरा को जंगली जीरा के नाम से भी जाना जाता है। जीरा का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। जीरा का उपयोग जलजीरा बनाने में, पंचफोरन (बंगाली मसाला मिश्रण) बनाने में, अंचार बनाने में तथा सब्जी व दाल में तड़का लगानें में किया जाता है। पंचफोरन मेथी के बीज, सरसों के बीज, सौंफ के बीज, कलौंजी के बीज तथा जीरा को पीस कर के आपस में मिश्रित करके बनाया जाता हैं जिसका प्रयोग कई व्यंजनों के निर्माण में किया जाता है। जीरा तमाम औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है जिसके अनेक लाभ है, अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हैं। इस लेख में जीरा में पाये जाने वाले तत्वों, जीरा खाने से होने वाले बेहतरीन लाभों तथा अधिक सेवन से होने वाले नुकसान को प्रकाशित किया जा रहा है जिसका समुचित अध्ययन करके लाभ उठाया जा सकता है।
जीरा में पाये जाने वाले तत्वः
100 ग्राम जीरा में विटामिन-ए 1270IU, विटामिन-सी 7.7 मिग्रा0, विटामिन-के 4.5 µg, विटामिन, विटामिन-ई 3.3 मिग्रा0, विटामिन-बी6 0.43 मिग्रा0, बीटा कैरोटिन 762 µg, कैल्शियम 931 मिग्रा0, फाइबर 10 ग्राम, जिंक 4.8 मिग्रा0, सोडियम 168 मिग्रा0, मैग्नीशियम 366 मिग्रा0, फास्फोरस 499 मिग्रा0, आयरन 66 मिग्रा0, पोटैशियम 1788 मिग्रा0, मैंगनीज 3.3 मिग्रा0, तांबा 0.86 मिग्रा0, सेलेनियम 5 µg, शुगर 2.25 ग्राम, थायमिन 0.628 मिग्रा0, नियासिन 4.6 मिग्रा0, राइबोफ्लेविन 0.327 मिग्रा0, कोलीन 24.7 मिग्रा0, फोलेट 10 µg आदि तत्व पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं।
जीरा खाने का स्वास्थ्य लाभः
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैः जीरा का नियमित सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
- मधुमेह रोग कम हो जाता हैः जीरा का नियमित सेवन करने से शुगर की मात्रा कम होकर मधुमेह रोग कम हो जाता है।
- जुकाम ठीक हो जाता हैः काला जीरा को जला कर उसका धुंआं सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- पेट के कृमि मर जाते हैः 15 ग्राम जीरा को 400 ग्राम पानी में डालकर उबाले, जब पानी 100 ग्राम बचे तो उसे ठण्डा कर के पी लें। इस काढ़ें के सेवन से पेट के कृमि मर जाते हैं।
- बवासीर में काफी लाभ होता हैः 5 ग्राम जीरा को 200 ग्राम पानी में उबालें जब पानी 50 ग्राम बचे तो उसे ठण्डा कर लें तथा पी लें। इस काढ़ें का नियमित सुबह शाम सेवन करने से बवासीर रोग में काफी लाभ होता है।
- वमन बन्द हो जाता हैः जीरे को कपड़ें में लपेट कर बत्ती बनाकर उसका धुंआं नाक में सुंघाने से वमन रोग ठीक हो जाता है।
- रक्त प्रदर व श्वेत प्रदर रोग ठीक हो जाता हैः 5 ग्राम जीरा तथा 10 ग्राम मिश्री को पीस कर 50 मिली0 पानी में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से धीरे-धीरे रक्त प्रदर व श्वेत प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
- बुखार ठीक हो जाता हैः 5 से 7 ग्राम जीरा को गाय के दूध में 10 मिनट भिगों दें, इसके बाद बाहर निकाल कर सुखा लें तथा चूर्ण बनाकर सम्भाग मिश्री चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से बुखार ठीक हो जाता है।
- जी मिचलाना बन्द हो जाता हैः 3 ग्राम जीरा को 3 मिली0 नीबू के रस में मिलाकर 3 ग्राम नमक मिलाकर पीस कर चूर्ण बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाना बन्द हो जाता है।
- मलेरिया बुखार में काफी लाभ होता हैः 5 ग्राम जीरा चूर्ण को 10 ग्राम करेले के रस में मिलाकर दिन में तीन बार पिलाने से मलेरिया बुखार में काफी लाभ होता है।
- दस्त रोग ठीक हो जाता हैः भुना जीरा, कच्ची व पक्की सौंप समभाग लेकर पीस कर चूर्ण बना लें। एक-एक चमम्च चूर्ण को तीन-तीन घण्टे के अन्तराल पर सेवन करने से दस्त तथा मरोड़ ठीक हो जाता है।
- पाचन शक्ति बढ़ जाती हैः 3 ग्राम भुना जीरा पाउडर को 3 मिली0 नीबू के रस में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से मेटाबालिज्म बढ़ जाता है तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है।
- वजन कम हो जाता हैः 3 ग्राम भुना जीरा पाउडर को 3 मिली0 नीबू के रस में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की अनावश्यक चर्बी कम हो जाती है तथा वजन कम हो जाता है।
- एनीमिया रोग में अत्यन्त लाभकारी हैः 4 ग्राम भुना जीरा पाउडर को एक गिलास छाछ में मिलाकर दिन में दो बार पीने से एनीमिया रोग में काफी लाभ होता है।
- पेट दर्द ठीक हो जाता हैः एक-एक कप जीरा पानी का दिन में तीन बार सेवन करने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
- पाचन तन्त्र स्वस्थ हो जाता हैः 4 ग्राम भुना जीरा पाउडर को एक गिलास छाछ में मिलाकर दिन में दो बार पीने से पाचन तन्त्र स्वस्थ हो जाता है।
- मांसपेशियां तथा हड्डियां स्वस्थ हो जाती हैः 2 ग्राम पिसा जीरा तथा 2 ग्राम पिसी सौंफ को एक गिलास छाछ में मिलाकर दिन में दो बार पीने से शरीर की मांसपेशियां तथा हड्डियां स्वस्थ हो जाती हैं।
- कोलेस्ट्राल कम हो जाता हैः 3 ग्राम पिसा जीरा तथा 3 ग्राम सेंधा नमक को एक गिलास छाछ में मिलाकर दिन में दो बार पीने से कोलेस्ट्राल कम हो जाता हैं।
- खुजली ठीक हो जाती हैः 50 ग्राम जीरा पाउडर, 20 ग्राम सिन्दूर को 300 ग्राम सरसों के तेल में मिलाकर पकाएं जब तेल 200 ग्राम रह जाए तो साफ कपड़े से छानकर एक कांच की शीशी में बन्द कर के रख लें। इस तेल को दिन में तीन बार लगानें से खुजली ठीक हो जाती है।
- मस्तिष्क स्वस्थ रहता हैः 3 ग्राम पिसा जीरा तथा 3 ग्राम सेंधा नमक को एक गिलास छाछ में मिलाकर दिन में दो बार पीने से मस्तिष्क स्वस्थ रहता हैं।
जीरा खाने के नुकसानः
जीरा का अधिक सेवन करने से एलर्जी हो सकती है, शुगर लेबल सामान्य से कम हो सकता है, रक्त स्राव हो सकता है तथा विषाक्तता हो सकती है। जिन्हें एलर्जी की शिकायत हो उन्हे जीरा का सेवन नही करना चाहिए। जीरा की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को जीरा का अधिक सेवन नही करना चाहिए।
डिक्लेमरः इस लेख में प्रकाशित सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों तथा जानकारी को किसी चिकित्सक की सलाह के तौर पर न लें। बीमारी की स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।