हाई कोलेस्ट्राल के कारण, लक्षण तथा कम करने के 7 बेहतरीन घरेलू उपाय

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हाई कोलेस्ट्राल के कारण, लक्षण तथा कम करने के 7 बेहतरीन घरेलू उपाय
आजकल के व्यस्ततम दौर के भाग-दौड़ भरे जीवन में अनियमित रहन-सहन, अनियमित खान-पान, अनहेल्थी लाइफस्टाइल तथा अनियमित दिनचर्या के कारण हाई कोलेस्ट्राल एक आम समस्या बन गई हैं जिसके कारण शरीर में अनेक बीमारियां होने लगती हैं। कोलेस्ट्राल मनुष्य के रक्त में पाया जाने वाला एक वसायुक्त पदार्थ हैं जिसका निर्माण लीवर करता है। कोलेस्ट्राल मानव शरीर की कोशिका झिल्ली, रक्त वाहिनियों तथा हार्मोन्स के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है तथा प्रोटीन के साथ मिलकर लिपोप्रोटीन बनाता है जो वसा को रक्त में घुलने से रोकता है। मनुष्य के शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्राल होते है- एच0 डी0 एल0 (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) तथा एल0 डी0 एल0 (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन)। एच0 डी0 एल0 को अच्छा कोलेस्ट्राल तथा एल0 डी0 एल0 को बैड कोलेस्ट्राल कहते हैं। एच0 डी0 एल0 हल्का होने के कारण रक्त कोशिकाओं की वसा को अपने साथ बहा ले जाता है। बैड कोलेस्ट्राल गाढ़ा तथा चिपचिपा होने के कारण अधिक मात्रा में हो जाने पर कोशिका तथा रक्त वाहिनियों की दीवारों पर जम जाता है जिसके कारण रक्त संचार में रुकावट आने लगती है तथा हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।
कोलेस्ट्राल मनुष्य के शरीर पर पड़ने वाली सूर्य की धूप से विटामिन-डी बनाता है और शरीर की कोशिका झिल्ली तथा रक्त वाहिनियों के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। विटामिन-डी मानव शरीर में इन्सुलिन निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। इन्सुलिन रक्त में शुगर की मात्रा नियन्त्रित करती है जिसके कारण मधुमेह रोग नही होता है। जब रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा अधिक हो जाती है तो विटामिन-डी की कमी होने हो जाती है जिसके कारण शरीर में इन्सुलिन की कमी हो जाने के कारण मधुमेह रोग हो जाता है तथा मधुमेह रोग गम्भीर होने पर हृदय सम्बन्धी गम्भीर रोग (हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक आदि) को जोखिम उत्पन्न हो जाता है। इस प्रकार हाई कोलेस्ट्राल शरीर में हृदय सम्बन्धी गम्भीर रोगों को आमन्त्रण देता है।
कोलेस्ट्राल लेबल चार्ट
कोलेस्ट्राल का प्रकार | कोलेस्ट्राल की रेंज | स्थिति |
कुल कोलेस्ट्राल | 200mg/dl to 239 mg/dl | Normal |
240mg/dl or above | High Risk of heart disease | |
एच0 डी0 एल0 |
40mg/dl to 60 mg/dl | Normal |
60mg/dl or above | Low Risk of heart disease | |
60mg/dl or below | High Risk of heart disease | |
एल0 डी0 एल0 | 40mg/dl or below | Low Risk of heart disease |
कोलेस्ट्राल बढ़ने का कारण
- वंशानुगत कारण।
- नशे का सेवन करना।
- असन्तुलित आहार का सेवन करना।
- अधिक तनावपूर्ण जीवन शैली होना।
कोलेस्ट्राल बढ़ने के लक्षण
- सिर में दर्द होता है।
- सांस फूलती है।
- बेचैनी होने लगती है।
- सीने में दर्द होता है।
- शरीर में मोटापा आ जाता है।
कोलेस्ट्राल कम करने के 7 बेहतरीन घरेलू उपायः
1. प्याज का नियमित केवन करें
लाल प्याज के एक चम्मच रस में एक चम्मच शुध्द शहद अच्छी तरह से मिलाकर सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करने से कोल्स्ट्राल कम हो जाता है। मधुमेह रोग से पीडित लोग इस मिश्रण का सेवन न करें अन्यथा शुगर लेबल बढ़ सकता है। मधुमेह रोग से पीडित लोग इसके स्थान पर सलाद में लहसुन, अदरक, लाल प्याज तथा धनिया का सेवन करें।
2. बादाम तथा अखरोट का नियमित सेवन करें
रात को एक गिलास पानी में 5 से 7 बादाम तथा 4 से 5 अखरोट अच्छी तरह से धुल कर भिगों दे। सुबह उठकर नित्य दिनचर्या से निवृत्त होकर खाली पेट बादाम को छीलकर खूब चबा-चबा कर खा लें तथा अखरोट को भी खूब चबा-चबा कर खा लें। उक्त बादाम तथा अखरोट का उपरोक्तानुसार नियमित रूप से चार से पांच सप्ताह तक सेवन करने से बैड कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
3. धनिया पाउडर का नियमित सेवन किया जाय
एक गिलास स्वच्छ जल में दो चम्मच धनिया पाउडर को मिलाकर उबालें। ठण्डा होने पर सुबह-शाम खाली पेट नियमित रूप से सेवन करें। उक्त मिश्रण का चार से पांच सप्ताह तक नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
4. लहसुन का नियमित सेवन किया जाय
सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां छीलकर पीस कर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर ऱख दें तथा पांच मिनट बाद खा लें, एक घण्टे तक कुछ न खाएं। रात में डिनर के बाद एक कली लहसुन को छीलकर खूब चबा कर खा लें तथा ऊपर से दो घूंट गुनगुना पानी पी लें। मधुमेह से पीड़ित लोग शहद न मिलाएं। उक्त मिश्रण का उपरोक्तानुसार चार सप्ताह तक नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
5. आंवला चूर्ण का नियमित सेवन किया जाय
एक चम्मच आंवला चूर्ण को एक गिलास गुनगुने पानी के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से चार से पांच सप्ताह तक सेवन करने से कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
6. नीबू का नियमित सेवन किया जाय
नीबू में घुलनशील फाइबर पाया जाता है जो कि बैड कोलेस्ट्राल को कम करता है तथा रक्त वाहिनियों की सफाई कर देता है। भोजन में नीबू का रस मिलाकर सेवन करें। भोजन के 30-35 मिनट बाद एक गिलास हल्के गर्म जल में स्वाद के अनुसार नीबू का रस मिलाकर पी लें। उपरोक्तानुसार चार सप्ताह का नीबू का सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
7. अलसी बीज का नियमित सेवन किया जाय
एक चम्मच अलसी पाउडर को एक गिलास छाछ में अच्छी मिलाकर दिन में तीन बार नियमित रूप चार सप्ताह तक सेवन करने से कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
डिक्लेमरः इस लेख में प्रकाशित सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों तथा जानकारी को किसी चिकित्सक की सलाह के तौर पर न लें। बीमारी की स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।