आंवला के स्वास्थ्य फायदे व गुण

आंवला के स्वास्थ्य फायदे व गुण
आंवला सम्पूर्ण भारत में पाया जाने वाला महाऔषधीय वृक्ष है। आंवला के कई नाम है। हिन्दी में आंवला, आमला तथा आंवरा के नाम से जाना जाता है । संस्कृत भाषा में आमलकी, धात्री तथा शिवा के नाम से जाना जाता है। मराठी भाषा में आंवलकांटी तथा आंलवा, तो अरबी भाषा में आमलन् के नाम से जाना जाता है। बंगाली भाषा में आमलकी तथा आंगला के नाम से जाना जाता है। आंवला सभी रसायों में सर्वश्रेष्ठ है। आंवले का निरन्तर सेवन करने से मनुष्य में असमय बुढ़ापा नही आता है इसीलिए इसे धात्री फल या अमृत फल भी कहा जाता है। आंवले का सेवन विविध प्रकार से किया जाता है। आंवला कच्चा खाया जाता है, मुरब्बा, अंचार, चटनी तथा जूस बनाकर उपयोग किया जाता है।
आंवला विटामिन्स तथा मिनरल्स की खान है जिसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, गैलिक एसिड, टैनिक एसिड, एल्ब्यूमिन, शर्करा, निर्यास, प्रोटीन, लौह, सेल्यूलोज, क्रोमियम, वसा तथा निकोटेनिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवला एण्टी-आक्सीडेन्ट होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन दो आंवले का सेवन करना चाहिए।
आंवला के स्वास्थ्य फायदेः
- गठिया रोग में काफी लाभ होता हैः 20-20 ग्राम आंवला तथा गुण को 500 मिलीलीटर पानी में मिलाकर मन्द लौ पर धीरे-धीरे उबालें, जब पानी की मात्रा 250 मिलीलीटर रह जाए तो उसे छान कर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से गठिया रोग में काफी लाभ होता है।
- पित्त रोग नाशक हैः आंवले का मुरब्बा बना कर प्रतिदिन दो नग मुरब्बा खाने से पित्त रोग ठीक हो जाता है।
- कुष्ठ रोग में काफी लाभ होता हैः आंवला फल तथा आंवला पत्ती समान मात्रा में लेकर सुखाकर मिक्सर में पीस कर बारीक चूर्ण बनाकर सुबह-शाम 5 से 10 ग्राम चूर्ण का शहद के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से कुष्ठ रोग में काफी लाभ होता है।
- कफ ज्वर नाशक हैः आंवला, खालसा, कटुकी, हरड़, बहेड़ा, इन्द्र जौ तथा नागरमोथा को समान मात्रा में लेकर क्वाथ बनाकर पीने से कफ ज्वर नष्ट हो जाता है।
- खुजली नाशक हैःआंवला की गुठली को जलाकर बारीक पीस कर तैयार भस्म (राख) को नारियल के तेल में मिलाकर दिन में तीन खुजली वाले स्थान पर नियमित रूप से लगाने पर खुजली ठीक हो जाती है।
- कब्ज नाशक हैः हरड़, बहेड़ा तथा आंवला को क्रमशः एक, दो व तीन भाग लेकर मिक्सर में बारीक पीस कर 5 से 6 ग्राम चूर्ण को सूबह-शाम गुनगुने जेल के साथ नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज, गैस, खट्टी डकार तथा बदहज्मी ठीक हो जाता है।
- बवासीर रोग में अत्यन्त लाभकारी हैः आंवला का चूर्ण बना कर 5 से 10 ग्राम चूर्ण को दही की मलाई के साथ दिन में तीन बार नियमित रूप से करने पर बवासीर में अत्यन्त लाभकारी है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृध्दि करता हैः आंवले में प्रचुर मात्रा में विटामिन- सी तथा एण्टी-आक्सीडेन्ट का गुण पाये जाने के कारण किसी भी रूप में आवले का निरन्तर सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
- स्वरभेद दूर हो जाता हैः आंवला, हल्दी, यजमोदा, चित्रक तथा यक्षवार को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर दो चम्मच चूर्ण को एक चम्मच गाय के देशी घी तथा दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से चाटने से स्वरभेद दूर हो जाता है।
- वमन बन्द हो जाती हैः 20 मिली0 आंवला रस में 10 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से हिचकी तथा वमन (उल्टी) बन्द हो जाती है।
- कोलेस्ट्राल नियन्त्रित रखता हैः आंवले के 5 से 10 ग्राम चूर्ण को सुबह-शाम शहद या गुनगुने पानी के साथ नियमित रूप से सेवन करने से बैड कोलेस्ट्राल नष्ट होकर कोलेस्ट्राल नियन्त्रित हो जाता है।
- आंवला बाल की समस्त समस्याओं को समाप्त करके बालों को स्वस्थ करता हैः आंवला तथा तिल के तेल को समान मात्रा में लेकर आपस में अच्छी तरह से मिलाकर प्रतिदिन नियमित रूप से सिर तथा समस्त बालों में लगाकर 5 से 10 मिनट तक मसाज नियमित रूप से तीन से चार सप्ताह तक करने से बाल झड़ना रूक जाता है, रूसी समाप्त हो जाती है तथा बाल मोटे, मजबूत, लम्बे, घने, मुलायम व चमकदार हो जाते हैं। आंवला पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर सिर तथा बालों में अच्छी तरह लगाकर 5 से 10 मिनट तक मालिस करके एक घण्टे बाद ठण्डे पानी से सिर को अच्छी तरह से धोकर छाया में सुखाने से बालों का असमय सफेद होने रूक जाता है।
- आंवला मस्तिष्क को स्वस्थ रखता हैः आंवले का नियमित रूप से सेवन करने से इसमें पाये जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स तथा एण्टी-आक्सीडेन्ट गुण मस्तिष्क का सम्पूर्ण पोंषण करते हुए स्वस्थ रखते हैं।
- दांत तथा मसूढ़ों को स्वस्थ रखता हैः आंवले का किसी भी रूप में नियमित सेवन करने से इसमें पाया जाने वाला विटामिन- सी तथा कैल्शियम दांतों तथा मसूढ़ों का सम्पूर्ण पोंषण करते हुए स्वस्थ रखता है।
- गलशोथ ठीक हो जाता हैः आंवला के रस या चुर्ण को अदरख के रस के साथ दिन में तीन बार नियमित रूप से सेवन करने से गलशोथ ठीक हो जाता है तथा थायरायड रोंग में काफी लाभ होता है।
- त्वचा सम्बन्धी सभी विकार नष्ट हो जाते हैः आंवला पाउडर को गुलाब जल तथा नीबू के रस के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर नियमित रूप से लगाकर एक घण्टे बाद पानी से अच्छी तरह धुलने से मुहासे नष्ट हो जाते हैं, त्वचा में निखार आता है, झुर्रियां नही पड़ती है, त्वचा सुन्दर तथा चमकदार हो जाती है।
- अन्य लाभः आंवले चूर्ण का शहद के साथ नियमित रूप से सेवन करने से शरीर का बढ़ा हुआ वजन कम होकर सन्तुलित हो जाता है। दिल का दौरा पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है। श्वास सम्बन्धी समस्याएं काफी कम हो जाती है। रक्त शोधित होकर शुध्द हो जाता है। बांझपन तथा नपुंसकता में अत्यन्त लाभदायक है। मोटापा कम हो जाता है। हड्डियां मजबूत हो जाती है। सर्दी, खांसी ठीक हो जाती है। नेत्रों की ज्योति बढ़ जाती है।