छाछ के स्वास्थ्य लाभ तथा साइड इफेक्ट

छाछ के स्वास्थ्य लाभ तथा साइड इफेक्ट
छाछ एक पेय पदार्थ हैं जिसकी तासीर ठण्डी होती है। छाछ को मट्ठा भी कहा जाता है। दूध से बने हुए दही को मथानी से मथ कर उसमें से घी बाहर निकालने के बाद बचा हुआ द्रव ही छाछ कहलाता है। छाछ दो प्रकार की होती हैः क्रीमयुक्त दही से बनी छाछ तथा बिना क्रीम वाले दूध से बनी छाछ। छाछ का उपयोग अधिकांश भारतीय परिवारों में किया जाता है। छाछ को हमेशा कांच, मिट्टी या स्टील के बर्तन में ही रखना चाहिए। कोई छाछ को भोजन के साथ उपयोग करता है तो कोई भोजन के बाद पेय पदार्थ के रूप में छाछ का उपयोग करता है। छाछ का उपयोग साल भर यानी प्रत्येक मौसम में किया जाता है परन्तु गर्मी के मौसम में तो संजीवनी समान है तथा किसी भी पेय पदार्थ से श्रेयस्कर है। क्षय रोग, हृदयरोग, खांसी, गुर्दे की समस्या, एक्जिमा तथा रक्तपित्त से पीड़ित व्यक्तियों को छाछ का सेवन नही करना चाहिए।
छाछ का टेस्ट तथा पौष्टिकता बढ़ाने के लिए छाछ में भुना पिसा जीरा, पिसा हुआ काला या सेंधा नमक, भुनी पिसी अजवाइन, पिसी काली मिर्च तथा धनिया पत्ती का भी प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार छाछ एक सात्विक आहार है जो कि पेट को ठण्डक प्रदान करता है। छाछ में फास्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, कैल्शियम. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन तथा विटामिन-B12, A, C तथा E पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। भोजन के बाद छाछ पीना श्रेयस्कर माना गया है। छाछ के अनेको स्वास्थ्य लाभ हैं। किसी भी पदार्थ के अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ न कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। छाछ का भी अधिक मात्रा में सेवन करने के कुछ साइड इफेक्ट हो जाते है। इस लेख में माध्यम से छाछ के सेवन से होने वाले कुछ अदभुद स्वास्थ्य लाभ तथा साइड इफेक्ट के सम्बन्ध में जानकारी दी जा रही है, जिनका उपयोग करके भरपूर स्वास्थ्य लाभ लिये जा सकते हैं।
छाछ के स्वास्थ्य लाभः
- पाचन तन्त्र स्वस्थ हो जाता हैः भोजन के बाद नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से पेट से टाक्सिन बाहर निकल जाते है, पेट का ठण्डक मिलती है, शरीर की गर्मी शान्त हो जाती है। कब्ज, अपच, गैस, पेचिस, खुजली, तिल्ली, जलोदर रोग ठीक हो जाते हैं। गठिया, दमा, गर्भाशय के रोग, लीवर के रोग तथा पथरी में काफी लाभ होता है। जठराग्नि तीव्र हो जाती है, भूख बढ़ जाती है। जो लोग पेट की समस्या से पीड़ित है उनके लिए छाछ संजीवनी समान है उन्हें दिन में तीन से चार बार छाछ का सेवन करना चाहिए।
- बवासीर रोग में अत्यन्त लाभकारी हैः भोजन या नाश्ते के बाद (दिन में तीन से चार बार) एक गिलास छाछ में स्वाद के अनुसार पिसा हुआ सेंधा नमक, पिसी हुई भुनी आजवाइन तथा भुना हुआ पिसा जीरा मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर रोग में अत्यन्त लाभ होता है।
- कोलेस्ट्राल कम हो जाता हैः छाछ के नियमित सेवन करने से शरीर में जमा बैड कोलेस्ट्राल नष्ट होकर कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
- वजन कम करने में कारगर हैः जिन लोगों का वजन बढ़ रहा है, उनके लिए छाछ का सेवन अत्यन्त लाभकारी है। ऐसे व्यक्ति यदि छाछ का नियमित सेवन करते हैं तो धीरे-धीरे वजन कम हो जाता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैः छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर का मेटाबालिज्म बढ़ जाता है, शरीर बलवान हो जाता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
- मोटापा कम हो जाता हैः छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर शरीर का अनावश्यक चर्वी धीरे-धीरे कम हो जाती है तथा मोटापा कम हो जाता है।
- ब्लड प्रेशर नियन्त्रित हो जाता हैः जो व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीडित है, नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से छाछ में पाये जाने वाले पोटैशियम, कैल्शियम तथा मैग्नीशियम उनके हाई ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड प्रेशर नियन्त्रित कर देते हैं।
- हड्डियां मजबूत हो जाती हैः छाछ का नियमित सेवन करने से छाछ में पाया जाने वाला कैल्शियम हड्डियों को मजबूत कर देता है।
- दांत तथा मसूढ़े स्वस्थ हो जाते हैः छाछ का नियमित सेवन करने से छाछ में पाया जाने वाला कैल्शियम दांत तथा मसूढ़े स्वस्थ कर देता है। बच्चों के दांत आसानी से निकल आते हैं।
- झाइयों के उपचार में अत्यन्त लाभकारी हैः छाछ को नियमित रूप से फेस मास्क के रूप में उपयोग करने पर त्वचा की मृत कोशिकाएं हट कर त्वचा पर प्राकृतिक चमक आ जाती है तथा झाइयां धीरे-धीरे ठीक हो जाती है। असमय शरीर पर आयी झुर्रियां समाप्त होकर त्वचा में कसाव आ जाता है।
- कब्ज तथा एसिडिटी ठीक हो जाता हैः छाछ में भुनी अजवाइन का चूर्ण, पिसा काला नमक तथा पिसा हुआ जीरा मिलाकर दिन में तीन से चार बार नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज तथा एसिडिटी ठीक हो जाता है।
- पेट के कीड़े मर जाते हैः गाय के दूध से बने दही से निर्मित छाछ में नमक मिलाकर प्रातःकाल खाली पेट पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- बाल असमय सफेद नही होतेः आजकल प्रायः असमय बाल सफेद होने लगते हैं जो सौन्दर्य पर बट्टा लगा देते हैं। छाछ को नियमित पीने तथा सप्ताह में दो बार बालों में लगाकर आधा घण्टे बाद शैम्पू व ठण्डे पानी से धुल कर छाया में सुखा देने से बाल असमय सफेद नही होते। यदि बाल असमय सफेद हो रहे हैं तो छाछ के उक्त प्रकार नियमित सेवन करने से असमय बाल सफेद होना रुक जाता है। बाल स्वस्थ, मजबूत तथा मुलायम हो जाते हैं।
- नशा नाशक हैः भांग का नशा होने पर छाछ में नमक मिलाकर सेवन करने से भांग का नशा शान्त हो जाता है
- अपच ठीक हो जाता हैः छाछ में भुना हुआ पिसा जीरा, भुनी पिसी काली मिर्च तथा पिसा सेंधा नमक स्वाद के अनुसार मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से अपच ठीक हो जाता है तथा जठराग्नि तीव्र हो जाती है।
- दस्त ठीक हो जाता हैः ढाई सौ ग्राम छाछ में एक चम्मच शहद को अच्छी तरह से मिलाकर दिन में तीन से चार बार पीने से दस्त ठीक हो जाता है
- अन्य लाभः छाछ का नियमित रूप से सेवन करने से पेट की जलन समाप्त हो जाती है। शरीर की शक्ति, कान्ति तथा ओज मे वृध्दि हो जाती है। डिहाइड्रेशन की समस्या दूर करता है। पेट के अल्सर में काफी लाभदायक है। शरीर को डिटाक्स कर देता है।
छाछ के साइड इफेक्टः
अधिक मात्रा मे छाछ के सेवन करने से मिचली और डायरिया हो सकती है। बुखार में छाछ का सेवन करने पर बुखार बढ़ जाता है इसलिए बुखार के रोगी को छाछ का सेवन नही करना चाहिए। सर्दी खांसी, क्षय रोग, हृदयरोग, गुर्दे की समस्या, एक्जिमा तथा रक्तपित्त से पीड़ित व्यक्तियों को छाछ का सेवन हानिकारक होता है तथा गम्भीर समस्या पैदा कर सकता है इसलिए ऐसे लोगों को छाछ का सेवन नही करना चाहिए।