अपर्याप्त नींद के कारण, लक्षण, नुकसान तथा उपचार

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अपर्याप्त नींद के कारण, लक्षण, नुकसान तथा उपचार
मनुष्य को जिस प्रकार शरीर के पोंषण के लिए सन्तुलित आहार की आवश्यकता होती है उसकी प्रकार पर्याप्त नीद की भी आवश्यकता पड़ती है। दिन भर की थकान रात में सोने से समाप्त हो जाती है तथा मानव शरीर अगले दिन काम-काज व दिनचर्या के लिए पूरी तरह से रिचार्ज हो जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रत्येक दिन कम से कम 7 घण्टे से 8 घण्टे की गहरी नीद आवश्यक होती है। बुजुर्गों को 6 घण्टे की गहरी नीद आवश्यक होती है। बिना भोजन के व्यक्ति कुछ अधिक समय तक जीवित रह सकता है परन्तु बिना नींद के हार्ट अटैक, हार्ट फेल होने, स्ट्राक आदि गम्भीर बीमारियों का शिकार होकर उससे कम समय मे ही मृत्यु हो जाती है। बिना नींद के मानव शरीर में हार्मोन्स असन्तुलित हो जाता है। पर्याप्त नींद न लेने की बीमारी को अनिद्रा कहा जाता है। अनिद्रा अर्थात् कम नींद लेने से शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं परन्तु इससे पूर्व यह भी जान लेना आवश्यक है कि कम नींद या अनिद्रा के क्या-क्या कारण हैं, इसके क्या-क्या लक्षण हैं। यदि अनिद्रा की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं तो उसे कैसे ठीक किया जा सकता है अर्थात उसका क्या उपचार है। प्रस्तुत लेख में अपर्याप्त नीद अर्थात् अनिद्रा के कारण, लक्षण, नुकसान तथा उपचार पर प्रकाश डाला जा रहा है।
अपर्याप्त नींद / अनिद्रा के कारणः
मानसिक तनाव, देर रात तक जागना, शाम को अधिक मात्रा में भोजन करना, काम की व्यस्तता, किसी दवा का सेवन, निकोटीन व कैफीनयुक्त पदार्थों का अधिक सेवन किया जाना, तथा सोने के समय यात्रा करना आदि अपर्याप्त नींद के प्रमुख कारण हैं।
अपर्याप्त नींद / अनिद्रा के लक्षणः
शरीर में थकान होना, अत्यन्त नींद आना, डेहरा बुझा-बुझा सा होना, चेहरे पर उदासी व बेचैनी होना, किसी चीज को भूल जाना, चित्त की एकाग्रता भंग हो जाना तथा स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना आदि अपर्याप्त नींद के प्रमुख लक्षण हैं।
अपर्याप्त नींद से सेहत को होने वाले नुकसानः
अपर्याप्त नींद के कारण मानव शरीर में बहुत से नुकसान होते है। कुछ प्रमुख नुकसान निम्नवत हैः
हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से मनुष्य का शरीर रिचार्ज नही हो पाता जिसके कारण शरीर में कोलेस्ट्राल बढ़ जाता है तथा हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है।
हृदय सम्बन्धी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से मनुष्य का शरीर रिचार्ज नही हो पाता जिसके कारण शरीर में कोलेस्ट्राल बढ़ जाता है तथा हृदय की गम्भीर बीमारियों हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि का खतरा बढ़ जाता है।
मानसिक अवसाद का जोखिम बढ़ जाता हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से मनुष्य को मानसिक अवसाद होने की संभावना बढ़ जाती है।
व्यक्ति भुलक्कड़ हो जाता हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से मनुष्य मे चिड़चिड़ापन तथा बेचैनी आ जाती है, दिमाग डिस्टर्ब रहता है तथा मानसिक थकान के कारण कुछ याद नही रहता, भुलक्कड़पन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
शरीर में मोटापा आ जाता हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने के कारण मानव शरीर में कार्डिसोंल हारमोन बढ़ जाता है, जिससे शरीर में अनावश्यक चर्वी जमा हो जाती है तथा मोटापा आ जाता है।
मेटाबालिज्म कम हो जाता हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने के कारण शरीर के अंगों को आराम नही मिल पाता जिसके कारण शरीर में मेटाबालिज्म कम हो जाता है।
पेट के रोग हो जाते हैः पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने के कारण शरीर में मेटाबालिज्म कम हो जाता है जिसके कारण पेट दर्द, गैस, बदहज्मी, कब्ज, एसिडिटी आदि रोग हो जाते हैं।
हड्डियां कमजोर होने लगती हैः लम्बे समय से पर्याप्त नींद न लेने के कारण पोषक पदार्थों का सन्तुलन बिगड़ने लगता है तथा धीरे-धीरे हड्डियां कमजोर होने लगती है।
वात रोग सम्बन्धी रोग हो जाते हैः लम्बे समय से पर्याप्त नींद न लेने के कारण शरीर में वात का सन्तुलन बिगड़ जाने के कारण वात सम्बन्धी रोग गठिया, बाई आदि होने लगते हैं।
सिर दर्द होने लगता हैः लम्बे समय से पर्याप्त नींद न लेने के कारण लगातार सिर में दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है।
स्मरण शक्ति क्षीण हो जाती हैः लम्बे समय से पर्याप्त नींद न लेने के कारण चित्त की एकाग्रता नष्ट हो जाने के कारण स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है।
अपर्याप्त नींद के उपचारः
- नींद की दवाओं का सेवन किया जाय।
- रात का डिनर हल्का तथा सुपाच्य लें तथा सोते के समय चाय, काफी का सेवन न करें।
- डिनर, ब्रेकफास्ट तथा लंच एक नियत समय पर सेवन करें।
- सोते समय हाथ, पैर धुल लें तथा पैर के तलवों में गुनगुना सरसों के तेल का मसाज करके सोयें।
- सुबह उठकर मार्निंग वाक करें, दौड़ लगाएं, योग तथा प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें।
- हमेशा सकारात्मक सोच रखें।
- रात में सोते समय एक ढाई सौ ग्राम गुनगुने दूध का सेवन करें।
- मद्यापान से सदैव दूर रहें।
- सन्तुलित आहार का सेवन करें।
- सुबह खाली पेट तीन चम्मच मेथी के रस में एक चम्मच शुध्द शहद मिलाकर नियमित सेवन करे।
- सोने से पहले कुछ पढ़ने या मधुर संगीत सुनने की आदत डालें।
- मौसमी फलों का सेवन अवश्य करें।