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हार्ट अटैक का ईलाज तथा निदान

हार्ट अटैक का ईलाज तथा निदान

हार्ट अटैक एक गम्भीर बीमारी है जिसका यदि समय रहते समुचित इलाज नही किया जाता है तो जानलेवा हो जाती है तथा मरीज की मृत्यु हो जाती है। इस बीमारी का इलाज करने के दौरान चिकित्सक द्वारा प्रारम्भ में ही आवश्यकतानुसार डायग्नोसिस कराकर बीमारी के कारण तथा गम्भीरता का पता लगाया जाता है तदोपरान्त डायग्नोसिस रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुए मरीज का इलाज किया जाता है। इस लेख में हार्ट अटैक के डायग्नोसिस तथा इलाज पर प्रकाश डाला जा रहा हैे जिसका अध्ययन पाठकों के लिए अत्यन्त लाभदायक होगा।

हार्ट अटैक की डायग्नोसिस (निदान)-

हार्ट अटैक के इलाजकर्ता चिकित्सक द्वारा सर्वप्रथम मरीज से उक्त बीमारी के लक्षणों के बारे में पूंछतांछ कर जानकारी करते हुए शरीर के तापमान, नाड़ी एवं रक्तचाप की जांच कर स्थित की गम्भीरता को देखते हुए आवश्यकतानुसार निम्नांकित डायग्नोसिस करायी जाती है-

  • ई0सी0जी0 (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम)।
  • रक्त परीक्षण।
  • चेस्ट का एक्स-रे।
  • इकोकार्डियोंग्राम।
  • कोरोनरी कैथीटेराइजेशन (एंजियोग्राम)।
  • कार्डिएक एम0आर0आई0।

ई0सी0जी0 (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम)

यह हार्ट अटैक के निदान (डायग्नोसिस) के लिए किया जाने वाला प्रथम परीक्षण है जिसमें चिपचिपे पैथ (इलेक्ट्रोड) मरीज के चेस्ट व अन्य अंगों पैर, हाथ आदि पर लगाकर परीक्षण किया जाता है तथा सिग्नल को मानीटर पर प्रदर्शित तरंगों के रूप में रिकार्ड किया जाता है जिससे यह स्पष्ट रूप से दिखायी देता है कि, “हर्ट अटैक पड़ गया है या प्रगति पर है”।

रक्त परीक्षण

हार्ट अटैक के बाद कुछ हृदय प्रोटीन रक्त में लीक हो जाते हैं जिनकी जांच के लिए रक्त परीक्ण किया जाता है।

चेस्ट का एक्स-रे

चेस्ट का एक्स-रे करने पर हृदय तथा रक्त वाहिनियों के आकार तथा फेफड़ों में मौजूद तरल पदार्थ दिखायी देता है। चेस्ट के एक्स-रे से यह पता लगाया जाता है  कि, “हार्ट की विफलता, हार्ट के आस-पास तरल पदार्थ, निमोनिया, कैंसर या अन्य स्थिति है या नही”।

इकोकार्डियोंग्राम

यह टेस्ट इस बात का पता लगाने के लिए किया जाता है कि, “हृदय कक्ष तथा उसके वाल्व ठीक से कार्य कर रहे हैं या नही, हृदय का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया है या नही”।

कोरोनरी कैथीटेराइजेशन (एंजियोग्राम)

इस टेस्ट में एक पतली लम्बी ट्यूब के माध्यम से एक तरल डाई को हार्ट, पैर या कमर की धमनियों में इंजेक्ट किया जाता है जिससे डाई एक्स-रे पर स्प्ष्ट रूप से यह दिखायी देता है कि-

  • कोरोनरी धमनियां वसा से अवरूध्द हैं या नही। यदि अवरूध हैं तो कितने प्रतिशत अवरूध्द हैं।
  • रक्त वाहिकाओं में कहां पर रुकावट हैं।
  • रक्त वाहिकाओं के माध्यम से कितना रक्त प्रवाह अवरुध्द हैं।
  • रक्त वाहिकाओं में क्या खराबी है।

इस टेस्ट से चिकित्सक द्वारा यह पता लगाया जाता है आप को हुए हार्ट अटैक से कितना खतरा है। बन्द धमनियों को साफ करने के लिए कोरोनरी कैथीटेराइजेशन को दौरान ही कोरोनरी एंजियोप्लास्टी या स्टेंटिंग भी करायी जा सकती है।

कार्डिएक एम0आर0आई0

इसे “कार्डिएक सीटी स्कैन एक्स-रे” के नाम से भी जाना जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि, “मरीज को कोरोनरी बाई पास सर्जरी की आवश्यकता है या नहीं”।

हार्ट अटैक का इलाज

हार्ट अटैक की डायग्नोसिस से प्राप्त परिणामों के आधार पर चिकित्सक द्वारा हार्ट अटैक का इलाज निम्नानुसार किया जाता हैः-

  • रक्तचाप कम करने की दवा दी जाती है और यदि डायबिटीज की समस्या हैं तो डायबिटीज नियन्त्रित करने की भी दवा दी जाती है जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
  • रक्त का थक्का बनने से रोंकने के लिए “एस्पेरिन” नामक दवा दी जा सकती है ताकि संकुचित धमनियों में रक्त प्रवाह बना रहे।
  • हार्ट अटैक होने पर होने वाले दर्द को कम करने के लिए “दर्द निवारक दवाएं (जैसे-मार्फीन)” दी जाती हैं।
  • हृदय की धड़कनों को नियमित करने के लिए “पेसमेकर” का इस्तेमाल किया जाता है।
  • रक्त वाहिकाओं में जमे हुए रक्त के थक्के को भंग करने के लिए “थ्रोम्बलाइटिक” दवा दी जाती है।
  • रक्त वाहिकाओं में जमें रक्त के थक्कों को बड़ा होने से रोंकने तथा नये रक्त थक्कों को जमा होने से रोंकनें के लिए “एंटीप्लेटलेट दवाएं” दी जा सकती है।
  • संकुचित रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने तथा सीने में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए “नाइट्रोग्लिसरीन” दी जा सकती है।
  • कोलेस्ट्राल नियन्त्रित करने के लिए “स्टेनिन” दी जा सकती है।
  • हृदय की मांसपेशियों को आराम देने, रक्तचाप को कम करने तथा हृदय की धड़कन गति को धीमी करने के लिए “बीटा ब्लाकर्स दवाएं” दी जा सकती हैं।
  • दवाओं से उपचार न हो पाने की स्थिति में “बाईपास सर्जरी” की जाती है जिससे रक्त वाहिकाओं को ब्लाकेज ठीक हो जाता है।
  • किसी भी तरीके से हार्ट अटैक का इलाज संभव न हो पाने पर “हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी” की जाती है। हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी हार्ट अटैक के इलाज का सर्वोत्तम तरीका है।

नोटः- यह लेख मात्र जानकारी उद्देश्यों के लिए है। इसे चिकित्सक की सलाह के तौर न माना जाय। अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क कर परामर्श किया जाय।

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