ग्रीन टी पीने के फायदे और नुकसान

ग्रीन टी पीने के फायदे और नुकसान
ग्रीन टी को हिन्दी भाषा में “हरी चाय” कहा जाता है जो कि “कैमेलिया साइनेन्सिस” नामक पौधे की पत्तियों से तैयार की जाती है। विश्व में ग्रीन टी का सर्वप्रथम प्रचलन चीन में हुआ था। आजकल ग्रीन टी का सेवन सम्पूर्ण विश्व में किया जाता है। भारत में सर्वाधिक मात्रा में ग्रीन टी असम में उत्पादित की जाती है।
ग्रीन टी विटामिन तथा मिनरल्स का भण्डार है। ग्रीन टी में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी6, नियासिन, आयरन, पोटैशियम, सोडियम, कैफीन, पालीफिनोल, वसा, टैनिन, प्रोटीन, थियोब्रोसाइस, मैग्नीशियम, जिंक, मैगनीज, कैल्शियम, तांबा, जिंक, निकिल आदि पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं।
ग्रीन टी मुख्यतया तीन प्रकार की होती हैः पत्ते वाली ग्रीन टी, बैग वाली ग्रीन टी तथा पाउडर वाली ग्रीन टी। इन्हें बनाने की विधि भी अलग-अलग है।
पत्ते वाली ग्रीन टी बनाने के लिए एक खाली कप के ऊपर एक छननी ऱखकर उसमें एक चम्मच पत्ते वाली ग्रीन टी रखकर ऊपर से उबला हुआ पानी धीरे-धीरे डालते हैं, कप थोड़ा खाली रहने पर पानी डालना बन्द कर देते हैं तथा स्वाद के अनुसार थोड़ी सी शहद मिला देते हैं। यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो शहद न मिलाएं।
बैग वाली ग्रीन टी बनाने के लिए एक कप उबले हुए पानी में ग्रीन टी बैग को दो मिनट के लिए भिगोयें, इसके बाद बाहर निकाल दें तथा स्वाद के अनुसार थोड़ी सी शहद मिला देते हैं। यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो शहद न मिलाएं।
पाउडर वाली ग्रीन टी बनाने के लिए एक कप उबले हुए पानी में आधा चम्मच ग्रीन टी पाउडर को डालकर 3-4 मिनट के बाद छननी से छान लें तथा स्वाद के अनुसार थोड़ी सी शहद मिला देते हैं। यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो शहद न मिलाएं।
जो व्यक्ति मधुमेह रोग से पीड़ित नही है, वे चीनी तथा दूध मिलाकर भी ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में दो कप ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए। खाना खाने के तत्काल बाद ग्रीन टी का सेवन नही करना चाहिए। यदि पीना ही है तो खाना खाने के दो घण्टे बाद पीना चाहिए। खाना खाने के दो घण्टे पूर्व भी ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। ग्रीन टी खाली पेट नही पीना चाहिए। जिन्हे अल्सर की समस्या हो उन्हें ग्रीन टी का सेवन नही करना चाहिए। लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति को ग्रीन टी का सेवन नही करना चाहिए।
ग्रीन टी के सेवन से बहुत से फायदे हैं परन्तु अधिक सेवन करने से कुछ नुकसान भी है। इस लेख के माध्यम से ग्रीन टी के सेवन से होने वाले प्रमुख फायदों तथा नुकसान पर प्रकाश डाला जा रहा है। इस लेख का समुचित अध्ययन करके जानकारी हासिल करके ग्रीन टी के सेवन का समुचित लाभ उठाया जा सकता है।
ग्रीन टी पीने के फायदेः
- कोलेस्ट्राल नियन्त्रित हो जाता हैः प्रतिदिन दो कप ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से शरीर का अनावश्यक कोलेस्ट्राल नष्ट हो जाता है तथा कोलेस्ट्राल नियन्त्रित हो जाता है।
- वजन कम हो जाता हैः ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से ग्रीन टी का एन्टी-आक्सीडेन्ट गुण शरीर का मेटाबालिज्म बढ़ा देता है तथा वजन कम हो जाता है।
- मधुमेह रोग में अत्यन्त लाभकारी हैः ग्रीन टी में मौजूद एन्टी-डायबेटिक गुण के कारण प्रतिदिन 3 से 4 कप ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से मधुमेह रोग ठीक हो जाता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैः ग्रीन टी का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
- कैंसर रोग के जोखिम को कम कर देता हैः ग्रीन टी में पाया जाने वाला पालीफिनोल एन्टी-कैंसर गुणों से युक्त होता है जिसके कारण ग्रीन टी के नियमित सेवन से लीवर, फेफड़ा, आंत तथा ब्रेस्ट में होने वाले कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर को नियन्त्रित करता हैः ग्रीन टी का नियमित रूप से सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर कम होकर नियन्त्रित हो जाता है।
- मस्तिष्क को स्वस्थ रखता हैः ग्रीन टी का नियमित रूप से सेवन करने से मस्तिष्क स्वस्थ हो जाता है।
- तनाव से मुक्ति मिल जाती हैः ग्रीन टी का नियमित रूप से सेवन करने से ग्रीन टी मे पाया जाने वाला कैफीन नामक तत्व तनाव से मुक्त कर देता है।
- अन्य लाभः ग्रीन टी का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर तरोताजा रहता है। चेहरे पर आयी झुर्रियां कम हो जाती हैं। जोड़ों का दर्द कम हो जाता है। पेट व पाचन सम्बन्धी रोग नष्ट हो जाते हैं। दिल का दौरा पड़ने की संभावना क्षीण हो जाती है।
ग्रीन टी पीने के नुकसानः
ग्रीन टी का अधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। अनिद्रा तथा सिर दर्द की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दांतों में दाग बन सकता है। पेट में दर्द तथा गैस की समस्या हो सकती है। बच्चों का वजन मानक से कम हो सकता है। शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।