What to eat and what not to eat to control thyroid in Hindi

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What to eat and what not to eat to control thyroid in Hindi
(थायरायड को कन्ट्रोल करने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं?)
आजकल के बदलते परिवेश में धीरे-धीरे थायरायड की समस्या बढ़ती जा रही है। प्रायः ये देखा गया है कि थायरायड के मरीज अपना इलाज तो करा रहें है परन्तु अपने आहार वे उन चीजों का सेवन कर रहें हैं जिनका सेवन उनके लिए अपथ्य हैं अर्थात् नुकसानदायक है जिसके कारण दवाओं के सेवन के बावजूद भी उनकी थायरायड नियन्त्रित नही हो पाती है। उन चीजों का सेवन नही कर रहें जो कि थायरायड रोग को नियन्त्रित करने में सहायक हैं। इसका कारण ये है कि उन्हें, “थायरायड रोग में क्या पथ्य है? क्या अपथ्य हैं? अर्थात क्या खाना चाहिए? क्या नही खाना चाहिए?” इस सम्बन्ध में जानकारी नही है। इस लेख में इसी सम्बन्ध में प्रकाश डाला जा रहा है जिसका अध्ययन कर जानकारी प्राप्त कर उस पर अमल किया जाना थायरायड के मरीजों के लिए अत्यन्त लाभदायक हो सकता है।
थायरायड दो प्रकार का होता है- हाइपोथायरायडिज्म तथा हाइपरथायरायडिज्म।
हायपोथायरायडिज्म रोग में थायरायड ग्रन्थि की सक्रियता कम हो जाने के कारण थायरायड ग्रन्थि पर्याप्त मात्रा में थायरायड हार्मोन नही बना पाती जिसके कारण शरीर में थायरायड हार्मोन की कमी हो जाती है। इस रोग से पीडि़त व्यक्ति को थायरायड हार्मोन बढ़ाने वाली चीजों को खाना चाहिए तथा जो चीजें थायरायड हार्मोन का घटाती हैं उनका सेवन नही करना चाहिए।
हाइपरथायरायडिज्म रोग में थायरायड ग्रन्थि की सक्रियता बढ़ जाने के कारण थायरायड ग्रन्थि अधिक मात्रा में थायरायड हार्मोन बनाने लगती है जिसके कारण शरीर में थायरायड हार्मोन बढ़ जाता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को थायरायड हार्मोन घटाने वाली चीजों को खाना चाहिए तथा जो चीजें थायरायड हार्मोन को बढ़ाती हैं उनका सेवन नही करना चाहिए।
हायपोथायरायडिज्म रोग (घटे हुए थायरायड हार्मोन) में क्या खाएं? क्या न खाएं?
हायपोथायरायडिज्म रोग (घटे हुए थायरायड हार्मोन) में खाएं
- साबूत एवं मोटे अनाज (ज्वार, चोकरयुक्त आंटा, ब्राउन राइस, दलिया, मल्टीग्रेन ब्रेड) का नियमित सेवन करें। इससे पर्याप्त मात्रा में मिलने वाला फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करते हुए वजन कम करने में सहायता करता है तथा थायरायड को नियन्त्रित करता है।
- अधिक प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ थायरायड हार्मोन को बढ़ाते हैं। भोजन में प्रतिदिन 50 ग्राम प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे- मूंग की दाल, चना की दाल, काबुली चना, राजमा का सेवन करें। मछली, चिकन, अण्डा का सेवन करें।
- ओमेगा-3 फैटी एसिडयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे- दो से तीन अखरोट, सूरजमुखी के बीज का सेवन करें। सारडाइन मछली, सैल्मन मछली का सेवन करें। मछली के तेल का सेवन कर सकते हैं।
- एंटीआक्सीडेण्ट से समृध्द 500 से 600 ग्राम फल व सब्जियां (सेब, चेरी, जामुन, केला, नारंगी, मौसम्मी, पपीता, कीवी, बेर, तरबूजा, अंगूर, सन्तरा, शिमला मिर्च, कद्दू, आलू, चुकन्दर, खरबूजा, एवोकैडो, गाजर, भिण्डी, लोकी, मेथी, पालक, राजमा, आलूबुखारा, टमाटर, बैगन, करैला, ककड़ी आदि खाएं। सब्जियों को सलाद के रूप में पकाकर दोनों तरह से खाएं। सब्जियों में दालचीनी, लहसुन, हल्दी, मिर्च, अजमोद, काली मिर्च तथा जीरा भी खाएं।
- विटामिन डी से समृध्द खाद्य पदार्थ (जैसे- मशरूम, अण्डे का पीला भाग, मछली का तेल आदि) का सेवन करें। प्रतिदिन 20 से 25 मिनट तक धूप में बैठें।
- दूध, पनीर, दही का सेवन करें।
- प्रतिदिन 40 से 45 मिनट व्यायाम करें।
- आयोडीनयुक्त नमक के सेवन करें।
- चिकित्सक की सलाह पर विटामिन, मिनरल्स तथा आयरन सप्लीमेन्ट्स का सेवन करें।
हायपोथायरायडिज्म रोग (घटे हुए थायरायड हार्मोन) में न खाएं
- अधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थ (जैसे- फ्राई किया हुआ चिकन, सोयाबीन का दूध, बटर, डालडा, क्रीम, पास्ता, प्रोसेस्ड फूड कुकीज, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, मेयोनोज, केक, नमकीन, पेस्टीज, बीन्स, काफी, अल्कोहल, ग्रीन टी, डिब्बा बन्द खाद्य पदार्थ, बर्गर व ब्रेड आदि) को सेवन न करें।
- सोयाबीन, पत्तागोभी, फूलगोभी, मूली, शलजम, सरसों साग, केला, पालक, ब्रोकली, टोफू, मशरूम, आड़ू, नाशपाती, स्ट्राबेरी व ब्रोकली का सेवन न करें। ये खाद्य पदार्थ थायरायड हार्मेोन निर्मित करने वाले एंजाइम की गतिविधियों को रोंक देते हैं।
- चीनी या चीनी से बने खाद्य पदार्थ न खाएं।
- चिकित्सक द्वारा मना की गयी चीजों का सेवन न किया जाय।
हाइपरथायरायडिज्म (बढ़े हुए थायरायड हार्मोन) में क्या खाएं? क्या न खाएं?
हाइपरथायरायडिज्म (बढ़े हुए थायरायड हार्मोन) में खाएं
1. सेलेनियम से समृध्द खाद्य पदार्थों (जैसे- सूरजमुखी के बीज, दलिया, चाय, चिकन आदि) को सेवन करें।
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अधिक कैलोरीयुक्त खाद्य पदार्थों ( शकरकन्द, मक्खन, चना, पनीर, साबूदाने की खीर, मिल्कशेक, बिना चोकर का आंटा, ब्रेड, चावल, चीनी, क्रीमयुक्त दूध, गुड़, सूजी, चाकलेट, शहद आदि) का सेवन करें।
- सोयाबीन, पत्तागोभी, फूलगोभी, मूली, शलजम, सरसों साग, टोफू व ब्रोकली का सेवन न करें।
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अधिक कैलोरीयुक्त फलों ( खजूर, केला, सन्तरा, आम, लीची, चीकू आदि) का सेवन करें।
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उच्च प्रोटीनयुक्त आहार ( राजमा, दालें, अण्डा, लोबिया, छोला आदि) का सेवन करें।
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हाई वसायुक्त खाद्य पदार्थों ( अखरोट, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, अलसी के बीज, सफेद तिल, खरबूज के बीज, सूरजमुखी के बीज, फ्रूट चाट, सरसों तेल, नारियल तेल, जैतून तेल, तिल के तेल, सूरजमुखी के तेल आदि) का सेवन करें।
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विटामिन डी से समृध्द खाद्य पदार्थ (जैसे- मशरूम, अण्डे का पीला भाग, मछली का तेल आदि) का सेवन करें। प्रतिदिन 20 से 25 मिनट तक धूप में बैठे।
- कैल्शियमयुक्त खाद्य पदार्थों ( पनीर, सोया मिल्क, बादाम मिल्क, चिकन, अण्डा आदि) का सेवन करें।
- चिकित्सक की सलाह पर विटामिन, मिनरल्स तथा आयरन सप्लीमेन्ट्स का सेवन करें।
हाइपरथायरायडिज्म (बढ़े हुए थायरायड हार्मोन) में न खाएं
- आयोडीनयुक्त खाद्य पदार्थ (मछलियां, राजमा, ब्राउन राइस, दूध, पालक, मुनक्का, अण्डे, लहसुन, मशरूम, दही, आलू, आयोडाइज्ड नमक) का कम से कम सेवन करें।
- जंक फूड का सेवन न करें।
- भोजन के बीच में पानी न पिएं। भोजन के आधे से एक घण्टे के बाद में ही नार्मल टेम्प्रेचर का पानी पिएं। अधिक ठण्डा पानी न पिएं। यदि भोजन के बीच में प्यास लगे तो छाछ पी सकते हैं। भोजन के ठीक पहले भी पानी न पिएं। भोजन के आधा घण्टे पहले पानी पिएं
- चिकित्सक द्वारा मना की गयी चीजों का सेवन न किया जाय।
नोट– यह लेख मात्र जानकारी उद्देश्यों के लिए हैं। इसे चिकित्सकीय सलाह के तौर पर न लिया जाय। अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के लिए अपने चिकित्सक से मिलकर परामर्श अवश्य किया जाय।