गाजर के जूस के फायदे और साइड इफेक्ट

गाजर के जूस के फायदे और साइड इफेक्ट
गाजर सम्पूर्ण भारत में पायी जाती है जो कि सब्जी के साथ-साथ अनेक व्यंजन (हलवा, मुरब्बा, पाक आदि) बनाने के काम आती है। गाजर लाल, पीली तथा काली रंग की होती है। गाजर दो प्रकार की होती हैः कृषिजन्य तथा वन्यज। कृषिजन्य गाजर खेतों में उगायी जाती है तथा वन्यज गाजर जंगलों में पायी जाती है। आज हम आप को यहां पर गाजर के जूस के फायदे व साइड इफेक्ट के बारे में बताने जा रहे हैं तो सर्वप्रथम यह जान लेना आवश्यक है कि गाजर में कौन-कौन से तत्व पाये जाते है, गाजर के गुण धर्म क्या हैं तथा गाजर का जूस कैसे तैयार किया जाता है। हम आप को इस लेख के माध्यम से गाजर में पाये जाने वाले तत्वों, गुण धर्म, गाजर का जूस बनाने की विधि तथा गाजर के जूस के फायदे व साइड इफेक्ट के बारे में विस्तृत तथा अदभुद् जानकारी दे रहे हैं जिन्हें अपना कर आप तमाम रोगों से छुटकारा पा सकते है तथा स्वस्थ रह सकते हैं।
गाजर में पाये जाने वाले तत्वः
गाजर में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइट्रेट, कैल्शियम, रेशे, फोस्फोरस, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी, निकोटेनिक अम्ल, थायमिन तथा राइबोफ्लविन आदि तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। 100 ग्राम गाजर में 0.95 ग्राम प्रोटीन, 9.28 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 24 मिग्रा0 कैल्शियम, 0.46 मिग्रा0 आयरन, 0.8 ग्राम फाइबर, 3.9 ग्राम शुगर, 14 मिग्रा0 मैग्नीशियम, 292 मिग्रा0 पोटैशियम, 66 मिग्रा0 सोडियम, 42 मिग्रा0 फास्फोरस, 0.15 मिग्रा0 वसा, 0.17 मिग्रा0 जिंक, 0.27 मिग्रा0 फैटी एसिड, 88.8 ग्राम जल, विटामिन A 19124 IU, विटामिन K 15.5 µg, विटामिन E 1.15 मिग्रा0, फोलेट 4 µg, विटामिन B6 0.217 मिग्रा0, विटामिन C 8.5 मिग्रा0, नियासिन 0.385 मिग्रा0, राइबोफ्लेविन 0.055 मिग्रा0, थियामिन 0.092 मिग्रा0, कैरोनायड्स, मैंगनीज, फाइबर आदि पाये जाते हैं। इस प्रकार गाजर विटामिन तथा मिनरल्स से पूरी तरह समृध्द है।100 ग्राम गाजर के जूस से 40 कैलोरी ऊर्जा मिलती है।
गाजर का जूस बनाने की विधिः
औसत आकार की तीन गाजर लेकर अच्छी तरह धुल कर साफ कर के उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर मिक्सर में डालकर उसमें एक कप पानी मिलाकर अच्छी तरह पीस कर मिला कर कपड़े से छान लीजिए। यही गाजर का जूस है।
गाजर के गुण धर्मः
गाजर अग्निदीपक, रुचिकारक, कृमिनाशक, मधुर, गर्म, संग्रहणी, बवासीर, वात-कफ नाशक एवं रक्तपित्त नाशक तथा तृषाशामक, अफारानाशामक है।
गाजर के जूस के फायदेः
कफ्फज खांसी में अत्यन्त लाभकारी हैः गाजर के रस में मिश्री तथा काली मिर्च अच्छी तरह मिलाकर दिन में तीन बार (सुबह, दोपहर, शाम) चाटने से कफ बाहर निकल आ जाता है तथा खासीं ठीक हो जाती है।
महिलाओं के गर्भावस्था में लाभकारी हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर के रस में पर्याप्त मात्रा में पाये जाने वाले विटामिन्स तथा मिनरल्स गर्भ का पोंषण करते हैं। इस प्रकार गाजर के जूस का नियमित सेवन गर्भावस्था में बेहद लाभकारी है।
पाचन तन्त्र को मजबूत करता हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर में पाया जाने वाला फाइबर गैस, कब्ज, एसीडिटी तथा अपच की समस्याओं को दूर करके पाचन क्रिया को ठीक कर पाचन तन्त्र को मजबूत करता है।
आंखो की ज्योति बढ़ाता हैः विटामिन- ए भारी मात्रा में पाये जाने के कारण गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से आंखों के सभी विकार दूर हो जाते है तथा आंखों की ज्योति बढ़ती है।
मस्तिष्क को स्वस्थ रखता हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर में पाया जाने वाला नियासिन नामक तत्व मस्तिष्क के सिजोफ्रेनिया रोग को नष्ट करके मस्तिष्क को स्वस्थ कर देता है।
छाती का दर्द दूर करता हैः गाजर के उबाल कर उसके दस ग्राम रस में 20 ग्राम शहद मिलाकर पीने से छाती का दर्द खत्म हो जाता है।
मेटाबालिज्म वर्ध्दक हैः गाजर के रस का नियमित सेवन करने से गाजर में पर्याप्त मात्रा में पाये जाने वाले विटामिन A, B, C तथा K मेटाबालिज्म को बढ़ा देते हैं जिससे भूख बढ़ जाती है।
वजन कम कर देता हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर में पाया जाने वाला फाइबर अनावश्यक चर्वी को नष्ट करके शरीर का वजन कम कर देता है। शरीर हल्का तथा तरोताजा रहता है।
हृदय को स्वस्थ ऱखता हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर में पाया एण्टीआक्सीडेन्ट गुण हृदय को स्वस्थ रखता है। पल्स रेट नियमित रहती है।
मधुमेह रोग नियन्त्रित करता हैः गाजर में वसा कम पाये जाने के कारण गाजर के रस कि नियमित सेवन करने से मधुमेह रोग नियन्त्रित हो जाता है।
खूनी बवासीर में अत्यन्त लाभकारी हैः 20 ग्राम गाजर के रस में दही की मलाई मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम नियमित सेवर करने से खूनी बवासीर में रक्त गिरना बन्द हो जाता है।
त्वचा में निखार आता हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला विटामिन C तथा E त्वचा में असमय आयी झुर्रियों को खत्म करके कसाव लाता है, निखार लाता है। त्वचा स्वस्थ तथा आकर्षक हो जाती है।
बालों का पोंषण करता हैः गाजर के जूस का नियमित सेवन करने से गाजर में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन बालों का असमय सफेद होना व झड़ना रोंक कर बालों का पोंषण करता है, बाल स्वस्थ हो जाते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैः गाजर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी तथा कैरोनायड्स पाये जाने के कारण गाजर के रस का नियमित सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
कोलेस्ट्राल कम करनें में सहायक हैः गाजर के रस कि नियमित सेवन करने से उसमें पाया जाने वाला विटामिन-B बैड कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्राल को उचित मात्रा में बढ़ देता है। इस प्रकार गाजर के रस का नियमित सेवन कोलेस्ट्राल को कम करनें में सहायक है।
गाजर के जूस के साइड इफेक्टः
वैसे तो गाजर विटामिन्स तथा मिनरल्स से समृध्द होने के कारण गुणों की खान है परन्तु इसके अधिक इस्तेमाल से कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। गाजर के जूस का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाने के कारण मोटापा हो सकता है। गाजर के जूस का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से बाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है, शरीर का वजन बढ़ सकता है। इसलिए गाजर के जूस को बहुत अधिक मात्रा में सेवन नही करना चाहिए। जिन्हे अल्सर की समस्या हो उन्हें गाजर के जूस का सेवन नही करना चाहिए अन्यथा गाजर के जूस में पाया जाने वाला पोटैशियम अल्सर की समस्या को बढ़ा सकता है।