डेंगू बुखार का इलाज

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डेंगू बुखार का इलाज
डेंगू एक गम्भीर संक्रामक बीमारी है जिसमें तेजी से प्लेटलेट्स घटने लगता है जिसका समय से समुचित इलाज न कराये जाने पर मरीज की मृत्यु भी हो जाती है। डेंगू बुखार वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है। अभी तक इस बीमारी टीका नही बन पाया है। वैज्ञानिक इस बुखार का टीका बनाने का सतत प्रयास कर रहें हैं। इस बुखार में मरीज के शरीर में हड्डी टूटने जैसा तेज दर्द होता है जिसके कारण डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से डेंगू बुखार के उत्पन्न होने व फैलने के कारण, डेंगू बुखार के प्रकार, डेंगू बुखार के लक्षण, जांच, डेंगू बुखार के इलाज तथा रोकथाम के सम्बन्ध में अति महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है। इस आलेख को भलीभांति पढ़कर समझ कर अमल में लाकर डेंगू बुखार की गम्भीर समस्या से बचा जा सकता है।
डेंगू बुखार उत्पन्न होने तथा फैलने के कारणः
डेंगू बुखार एडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू नामक वायरस के कारण उत्पन्न होता है। डेंगू वायरस मनुष्य से मनुष्य में नही फैलता है। जब कोई एडीज मच्छर किसी डेगू पीड़ित व्यक्ति को काटता है तो उक्त पीड़ित व्यक्ति के शरीर से डेंगू के वाइरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे उक्त मच्छर संक्रमित हो जाता है जिसके शरीर में कुछ दिनों में उक्त वाइरस विकसित हो जाते हैं। जब उक्त संक्रमित एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उक्त स्वस्थ व्यक्ति भी डेंगू वाइरस से संक्रमित हो जाता है तथा उसे डेंगू बुखार हो जाता है।
डेंगू बुखार का संक्रमण कालः
जब कोई डेंगू वाइरस से संक्रमित एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो तत्काल डेंगू बुखार के लक्षण नही प्रकट होते बल्कि काटने के 3 से 5 दिनों के बाद डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट होते हैं। अधिक प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति में यह संक्रमण काल 3 से 10 दिन तक का भी हो सकता है।
डेंगू बुखार के प्रकार तथा लक्षणः
डेंगू बुखार 03 प्रकार का होता हैः क्लासिकल डेंगू बुखार, डेंगू हेमरेजिक बुखार तथा डेंगू शाक सिन्ड्रोम।
क्लासिकल डेंगू बुखारः
यह एक साधारण डेंगू बुखार होता है जो कि साधारण दवा इलाज से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है। इस बुखार में निम्नांकित लक्षण प्रकट होते हैः
- ठण्ड के साथ अचानक तेज बुखार आना।
- गलें में हल्का सा दर्द होना तथा मुंह का स्वाद खराब हो जाना।
- जोड़ों, मांशपेशियों तथा सिर में दर्द होना।
- जी मिचलाना, भूख न लगना तथा अत्यन्त कमजोरी का अनुभव होना।
- शरीर में लाल-गुलाबी ददोरे हो जाना।
डेंगू हेमरेजिक बुखारः
यह बुखार क्लासिकल डेंगू बुखार की अपेक्षा अधिक कष्टदायी होता है जिसका समय से व समुचित उपचार न होने पर रोगी की मृत्यु हो जाती है। इस बुखार के लिए टोर्निके टेस्ट किया जाता है। टेस्ट पाजीटिव आने पर डेंगू हेमरेजिक बुखार होने की पुष्टि होती है। टेस्ट निगेटिव आने पर डेंगू हेमरेजिक बुखार होने की पुष्टि नही होती है। इस बुखार में डेंगू हेमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ-साथ निम्नांकित तीन लक्षणों में से कोई एक या दो या तीनों लक्षण प्रकट होते हैः
- त्वचा पर नीले काले रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं।
- उल्टी या शौच करते समय रक्त आने लगता है।
- नाक व मसूढ़ों से रक्त निकलता है।
डेंगू शाक सिन्ड्रोमः
यह डेंगू बुखार अत्यन्त खतरनाक होता है जिसमें निम्नांकित लक्षण प्रकट होते हैः
- होश खो जाना।
- रक्त चाप घट जाना।
- तेज बुखार होने के बावजूद भी त्वचा ठण्डी महसूस होना।
- रोगी बेचैन हो जाता है।
- पल्स रेट घट जाती है।
डेंगू बुखार की जांचः
डेंगू बुखार की जांच में रोगी के रक्त में NS-1, IgG, IgM, PCV तथा प्लेटलेट्स की जांच की जाती है। जिसमें NS-1 की उपस्थिति पाये जाने पर डेंगू वाइरस के इन्फेक्शन होने की पुष्टि होती है। IgG पाजीजिव पाये जाने पर मरीज को पूर्व में डेगू बुखार होने की पुष्टि होती है। प्लेटलेट्स घटने पर डेंगू बुखार होने की पुष्टि होती है। PCV बढ़ने पर डेंगू के गंभीर स्थिति में होने की पुष्टि होती है। मनुष्य के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या 1.5 लाख से 4.5 लाख तक होती है। प्लेटलेट्स की संख्या जब घटकर 20,000 हो जाती है तो स्थिति गम्भीर हो जाती है तथा तत्काल प्लेटलेट्स चढ़ाना पड़ता है।
डेंगू बुखार का इलाजः
डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट होने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क चिकित्सीय परामर्श, जांच तथा इलाज कराना चाहिए। तीव्र बुखार होने पर पैरासेटामोल का प्रयोग करे। दर्दनाशक औषधियों ब्रूफेन या एस्प्रिन का सेवन न करें अन्यथा प्लेटलेट्स और घट जायेगा।
डेंगू बुखार के कुछ अति महत्वपूर्ण घरेलू इलाजः
- जौ नामक घास का काढ़ा पीने से प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़कर डेंगू बुखार ठीक हो जाता है।
- गिलोय की टहनियो के छोटो-छोटे टुकड़े करके दो चुटकी नमक तथा छोड़ी सी अजवाइन के साथ पानी में अच्छी तरह उबाल कर काढ़ा बना कर सुबह, दोपहर तथा शाम को नियमित पीने से डेंगू बुखार ठीक हो जाता है तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृध्दि होती है।
- कच्चे नारियल का पानी पीने सुबह, दोपहर व शाम को पीने से प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़कर डेंगू बुखार ठीक हो जाता है।
- पपीते की पत्तियों का जूस सुबह शाम पीने से शरीर से टाक्सिन बाहर निकल जाते हैं, प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है तथा डेंगू बुखार ठीक हो जाता है।
- चुकन्दर तथा गाजर के मिश्रित जूस का सेवन करने से रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ती है तथा डेंगू बुखार ठीक हो जाता है।
डेंगू बुखार के मरीज का आहारः
- विटामिन, मिनरलयुक्त तथा एण्डीआक्सीडेण्ट पका हुआ आहार।
- चुकन्दर, गाजर, टमाटर,कद्दू आदि।
- नारियल का जूस।