कौंच के बीज के फायदे और नुकसान(Kaunch Seed Benefits and Side-effects)

कौंच के बीज के फायदे और नुकसान
कौंच एक औषधीय पौधा है जिसके पत्ते, बीज तथा जड़ का उपयोग तमाम औषधियां बनाने में किया जाता है। कौंच को कपिकच्छु, कवच, कौंचा, किवांच आदि नामों से भी जाना जाता है। कौंच तमाम मिनरल्स से समृध्द है जिसकी 100 ग्राम मात्रा में मैग्नीशियम 387 मिग्रा0, पोटैशियम 150 मिग्रा0, सोडियम 150 मिग्रा0, कैल्शियम 717 मिग्रा0, जिंक 10.9 मिग्रा0, फास्फोरस 592 मिग्रा0, मैंगनीज 4 मिग्रा0 तथा आयरन 15 मिग्रा0 पाया जाता है।
कौंच दो प्रकार का होता हैः कृषिजन्य तथा जंगली कौंच। कृषिजन्य कौंच की खेती की जाती है। जंगली कौंच जंगलों में पाये जाते हैं। कृषिजन्य कौंच तथा जंगली कौंच की खास बाह्य पहचान यह है कि जंगली कौंच में अधिक रोंएं होते हैं जबकि कृषिजन्य कौंच में कम रोंएं होते हैं। कौंच की खेती भारत में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा उत्तराखण्ड राज्य में बहुतायत मात्रा में की जाती है।
कौंच के बीज का उपयोग मुख्यतया तीन प्रकार से किया जाता हैः काढ़ा बनाकर, पत्तियों को पीस कर उसका लेप बनाकर तथा पाउडर के रूप में। काढ़ा बनाना तथा लेप बनाना तो सभी जानते हैं परन्तु यहां पर प्रश्न यह उठता है कि पाउडर कैसे बनाया जाय। कौंच के बीज का पाउडर बनाने के लिए समान मात्रा में दूध, पानी, तथा कौंच के बीज लेकर आपस में मिलाकर धीमी लौ पर उबाल कर पकाकर उसे ठण्डा करके उसका छिल्का उतार कर धूप में सुखाकर पीस कर पाउडर बनाया जाता है। एक प्रौढ़ व्यक्ति के कौंच के बीज या जड़ का चूर्ण / पाउडर 2 से 5 ग्राम तक तथा काढ़ा 20 से 40 मिली0 तक सेवन करना चाहिए। इस लेख के माध्यम से कौंच के बीज के फायदे व नुकसान पर प्रकाश डाला जा रहा है जिसका अध्ययन कर के लाभान्वित हो सकते हैं।
कौंच के बीज के फायदेः
- अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती हैः कौंच के बीज तथा सफेद मुसली को समान मात्रा में लेकर आपस में मिलाकर पीसकर चूर्ण बनाकर दूध या गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से अनिद्रा से राहत मिलती है तथा अच्छी नींद आती है।
- यौवन बरकरार रहता हैः कौंच के बीज के चूर्ण निरन्तर सेवन से बल बढ़ता है तथा बढ़ती हुई उम्र में कमजोरी नही आती तथा यौवन बरकरार रहता है।
- मांसपेशियों को मजबूत करता हैः कौंच के बीज के निरन्तर सेवन करने से मानव शरीर में जमा अनावश्यक चर्वी नष्ट होकर मांसपेशिया सुदृढ़ एवं मजबूत बनती है।
- मादक पदार्थों के सेवन से मुक्ति पाने में मदद मिलती हैः कौंच के बीज के पाउडर के निरन्तर सेवन करने से मानव शरीर में पाउडर का स्तर बढ़ जाने के कारण नशीले पदार्थों (जैसे- गुटखा, तम्बाकू, अल्कोहल, सिगरेट) के सेवन से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
- शुक्राणुवर्ध्दक हैः आजकल की अनियमित दिनचर्या तथा दूषित खानपान के कारण मानव शरीर में स्थित पिट्यूयरी ग्रन्थि की कार्य क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण पुरुषों में शुक्राणु कमजार हो जाते है तथा शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है जिसके कारण पुरुष सन्तानोत्पत्ति के अयोग्य हो जाते हैं। कौंच के बीज के चूर्ण की 5 ग्राम मात्रा रात को सोते समय गुनगुने दूध के साथ नियमित रूप से सेवन करने से पिट्यूयरी ग्रन्थि सक्रिय होकर तेजी से तथा अधिक संख्या में तथा स्वस्थ शुक्राणु उत्पन्न करती है जिससे पुरुष सन्तानोत्पत्ति के योग्य हो जाते हैं।
- टेस्टोस्टेरान का स्तर बढ़ जाता हैः कौंच के बीज के पाउडर का दूध के साथ निरन्तर सेवन करने से मानव शरीर में टेस्टोस्टेरान का स्तर बढ़ जाता है तथा कामेच्छा काफी प्रबल हो जाती है। इन्द्रियशैथल्य दूर हो जाता है। स्टेमिना बढ़ जाती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैः कौंच के बीज के पाउडर के निरन्तर सेवन करने से मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
- मस्तिष्क को स्वस्थ रखता हैः कौंच के बीज के पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से मानव शरीर में तन्त्रिका तथा संज्ञानात्मक गतिविधियां नियन्त्रित हो जाती है तथा मस्तिष्क स्वस्थ हो जाता है।
- तनाव खत्म हो जाता हैः कौंच के बीज के पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से तनाव खत्म हो जाता है तथा एकाग्रता बढ़ जाती है।
- मिर्गी के मरीजों के लिए अत्यन्त लाभकारी हैः कौंच के बीज के पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से मिर्गी के रोग में काफी लाभ होता है। मिर्गी का रोग होने पर रोगी को लेकर चिकित्सक से अवश्य सम्पर्क करना चाहिए।
- कोलेस्ट्राल नियन्त्रित करता हैः कौंच के बीज के पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से बैड कोलेस्ट्राल समाप्त होकर कोलेस्ट्राल नियन्त्रित हो जाता है।
- घाव भरनें में सहायक हैः कौंच के पत्ते का लेप लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
- स्नायु रोग में लाभकारी हैः कौंच के जड़ के चूर्ण के निरन्तर सेवन से स्नायु रोग ठीक हो जाता है।
- किडनी विकार में अत्यन्त लाभदायक हैः कौंच के बीज का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम नियमित रूप से पीने से मूत्र रोग तथा हैजा रोग में काफी लाभ होता है।
- अस्थमा रोग में लाभदायक हैः कौंच के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से अस्थमा रोग में काफी लाभ होता है।
कौंच के बीज के नुकसानः
- कौंच के बीज की तासीर गर्म होने के कारण गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कौंच के बीज का सेवन करने से नुकसान हो सकता है। इसलिए गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कौंच के बीज का सेवन नही करना चाहिए।
- बच्चो को कौंच के बीज का सेवन नही करना चाहिए।
- मधुमेह के रोगी रोगी यदि मधुमेह की दवा सेवन कर रहें हैं तो उन्हों कौंच के बीज का से वन नही करना चाहिए अन्यथा शुगर लेबल सामान्य से भी कम हो सकता है।
- कौंच के बीज का अधिक सेवन करने से सिर दर्द तथा अधिक नीद की समस्या हो सकती है।
- मानसिक रूप से विकृत तथा मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को कौंच के बीच का सेवन नही करना चाहिए।
- अधिक सेवन करने से दस्त की समस्या हो सकती है।
- किसी दवा का सेवन कर रहे तथा किसी गम्भीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कौंच के बीज या जड़ के चूर्ण या काढ़े का सेवन चिकित्सक से परामर्श लेकर ही करना चाहिए।