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बायो आयल का उपयोग, फायदे, नुकसान

Contents
- 1 बायो आयल का उपयोग, फायदे, नुकसान
- 1.1 बायो आयल क्या है तथा इसका संघटक क्या है?
- 1.1.0.1 बायो आयल विभिन्न तेलों का मिश्रण है जो कि लैवेण्डर तेल, कैमोमाइल तेल, कैलेण्डुला तेल, पर्सेलिन तेल, ग्लिसरीन, पैराफिन लिक्विड, आइसोप्रोपाइल पैल्मीमेट, लिनोलिक एसिड तथा विटामिन A व E के पोषक तत्वो को एक निश्चित अनुपात में मिक्स करके तैयार किया जाता है। बायो आयल में चिपचिपाहट नही होती तथा अन्य तेलों से हल्का महसूस होता है। बायो आयल त्वचा में आसानी से आब्जर्ब हो जाता है। बायो आयल में विटामिन A व E पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
- 1.1.0.2 बायो आयल का प्रयोग किनके द्वारा किया जाता है, किन्हें इसका उपयोग करना चाहिए तथा किन्हे इसका उपयोग नही करना चाहिए?
- 1.1.0.3 बायो आयल का उपयोग स्त्री तथा पुरूष दोनों के द्वारा किया जाता है। बायो आयल का अधिकांश उपयोग महिलाओं द्वारा सौन्दर्य निखार के लिए किया जाता है। जिन लोगों की त्वचा को बायो आयल से एलर्जी न होती हो, उनके लिए बायो आयल पूर्तया सुरक्षित है तथा उन्हे बायो आयल का उपयोग करना चाहिए। जिन लोगों को बायो आयल से एलर्जी होती है उन्हे बायो आयल का उपयोग बिलकुल नही करना चाहिए। यदि बायो आयल के उपयोग से किसी प्रकार की एलर्जी हो जाती है तो तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
- 1.2 बायो आयल का उपयोगः
- 1.3 बायो आयल का उपयोग करने की विधिः
- 1.4 बायो आयल के उपयोग के फायदेः
- 1.4.0.1 चेहरे की झुर्रियों, मुहासों तथा दाग धब्बों को दूर कर देता हैः बढ़ती उम्र, आक्सीडेटिव तनाव तथा त्वचा में पायी जाने वाली इलास्टिन व कोलेजन के कमजोर हो जाने के कारण चेहरे पर झुर्रियां आ जाती हैं। बायों आयल के तीन से चार माह तक नियमित उपयोग करने से बायो आयल में मौजूद तत्व, विटामिन्स व एण्टी-आक्सीडेन्ट गुण से चेहरे का सम्पूर्ण पोंषण होकर झुर्रियां, मुहांसे तथा दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं तथा चेहरा सुन्दर एवं आकर्षक हो जाता है। चेहरे की रंगत में निखार आ जाता है।
- 1.4.0.2 स्ट्रेच मार्कस में अत्यन्त लाभकारी हैः स्त्रियों में मोटापा, गर्भावस्था, हार्मोन रिप्लेसमेन्ट, वजन घटने-बढ़ने इत्यादि कारणों से स्ट्रेच मार्क्स बन जाते हैं। बायों आयल का नियमित उपयोग करने से स्ट्रेच मार्क्स काफी कम हो जाता है तथा रंगत में निखार आता है।।
- 1.4.0.3 ड्राई स्किन में अत्यन्त लाभदायक हैः शुष्क जलवायुयुक्त स्थलों पर रहने या प्रतिदिन साबन लगाकर स्नान करने से त्वचा ड्राई हो जाती है जिसके कारण नष्ट हो जाता है। बायो आयल का नियमित उपयोग करने से त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है तथा त्वचा में नमी आकर निखार व चमक आ जाती है जिससे सौन्दर्य बढ़ जाता है।
- 1.4.0.4 बालों के लिए अत्यन्त लाभदायक हैः बालों को शैम्पू से धो कर सुखा कर बायो आयल की बालों में नियमित मालिश करने से बालों का झड़ना, कमजोर होकर टूटना, बालों के दो मुंहा हो जाने, असमय सफेद होने लगनें, ग्रोथ न करने आदि समस्याएं दूर हो जाती है। बाल स्वस्थ, घने, मजबूत व लम्बे हो जाते हैं।
- 1.4.0.5 चोट के कारण बने हुए निशान को कम करने में सहायक हैः बायो आयल का नियमित उपयोग करने से चोट के कारण त्वचा पर बने हुए कम हो जाते हैं।
- 1.4.0.6 त्वचा की आयली समस्या को दूर करता हैः बायो आयल का दिन में दो बार नियमित उपयोग करने से त्वचा के आयलीपन की समस्या दूर हो जाती है।
- 1.4.0.7 होठों पर निखार लाता हैः बायो आयल को प्रतिदिन दो बार होठों पर लगाने से होंठों पर निखार आता है तथा होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते हैं।
- 1.4.0.8 चेहरे के मेकप को रिमूव करता हैः बायो आयल को काटन में लगाकर चेहरे पर मसाज करके चेहरे का मेकप रिमूव किया जा सकता है।
- 1.4.0.9 फेसवास का कार्य करता हैः बायो आयल की 5-6 बूंद कुछ पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाकर 5-7 मिनट बाद ठण्डे पानी से चेहरे को धुल लेने से फेसवास का कार्य करता है।
- 1.5 बायो आयल के उपयोग से नुकसानः
बायो आयल का उपयोग, फायदे, नुकसान
आजकल व्यस्त जीवन, अनियमित दिनचर्या, दूषित खान-पान, दूषित पर्यावरण आदि के कारण असमय त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाना, त्वचा शुष्क हो जाना, त्वचा पर स्ट्रैच मार्क्स बन जाना आदि त्वचा सम्बन्धी तमाम विकारों का समाधान आयो आयल में निहित है। अब प्रश्न उठता है कि बायो आयल क्या है, किन चीजों से बनाया जाता है, बायो आयल किन्हें इस्तेमाल करना चाहिए तथा किन्हें नही इस्तेमाल करना चाहिए, बायो आयल के क्या उपयोग हैं, इसके क्या-क्या फायदे हैं, क्या-क्या नुकसान हैं। उक्त सभी तथ्यो का समाधान इस लेख के माध्यम से किया जा रहा हैं। इस लेख का पूर्ण अध्ययन कर बायो आयल का सही ढंग से इस्तेमाल करके त्वचा सम्बन्धी तमाम विकारों से छुटकारा पाकर त्वचा को स्वस्थ एवं आकर्षक बनाया जा सकता है।
बायो आयल क्या है तथा इसका संघटक क्या है?
बायो आयल विभिन्न तेलों का मिश्रण है जो कि लैवेण्डर तेल, कैमोमाइल तेल, कैलेण्डुला तेल, पर्सेलिन तेल, ग्लिसरीन, पैराफिन लिक्विड, आइसोप्रोपाइल पैल्मीमेट, लिनोलिक एसिड तथा विटामिन A व E के पोषक तत्वो को एक निश्चित अनुपात में मिक्स करके तैयार किया जाता है। बायो आयल में चिपचिपाहट नही होती तथा अन्य तेलों से हल्का महसूस होता है। बायो आयल त्वचा में आसानी से आब्जर्ब हो जाता है। बायो आयल में विटामिन A व E पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
बायो आयल का प्रयोग किनके द्वारा किया जाता है, किन्हें इसका उपयोग करना चाहिए तथा किन्हे इसका उपयोग नही करना चाहिए?
बायो आयल का उपयोग स्त्री तथा पुरूष दोनों के द्वारा किया जाता है। बायो आयल का अधिकांश उपयोग महिलाओं द्वारा सौन्दर्य निखार के लिए किया जाता है। जिन लोगों की त्वचा को बायो आयल से एलर्जी न होती हो, उनके लिए बायो आयल पूर्तया सुरक्षित है तथा उन्हे बायो आयल का उपयोग करना चाहिए। जिन लोगों को बायो आयल से एलर्जी होती है उन्हे बायो आयल का उपयोग बिलकुल नही करना चाहिए। यदि बायो आयल के उपयोग से किसी प्रकार की एलर्जी हो जाती है तो तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
बायो आयल का उपयोगः
बायो आयल का उपयोग त्वचा पर आयी झुर्रियों, शुष्क त्वचा, दाग धब्बे, चेहरे पर चमक लाने, त्वचा पर बने हुए स्ट्रैचमार्क आदि त्वचा सम्बन्धी तमाम विकारों को दूर करने तथा सौन्दर्य बढ़ाने के लिए किया जाता है।
बायो आयल का उपयोग करने की विधिः
बायो आयल को जिस अंग पर लगाना हो, हाथ की अंगुलियों से उस अंग पर लगाकर वृत्ताकर मोशन में 5-10 मिनट तक मसाज करने से अच्छी तरह से त्वचा में आब्जर्ब हो जाता है। प्रेग्नेन्सी के दौरान प्रेग्नेन्सी के दूसरी तिमाही से स्ट्रेच मार्क्स होने की संभावनायुक्त अंगों (ब्रेस्ट, पेट, कमर, हिप, जांघ आदि) पर बायो आयल की मसाज करनी चाहिए। दिन में एक बार तीन माह तक प्रतिदिन बायो आयल की मालिश करने से बेहतर परिणाम निकलते है, स्ट्रेच मार्क्स काफी कम हो जाता है। रंगत में निखार आ जाता है।
बायो आयल के उपयोग के फायदेः
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चेहरे की झुर्रियों, मुहासों तथा दाग धब्बों को दूर कर देता हैः बढ़ती उम्र, आक्सीडेटिव तनाव तथा त्वचा में पायी जाने वाली इलास्टिन व कोलेजन के कमजोर हो जाने के कारण चेहरे पर झुर्रियां आ जाती हैं। बायों आयल के तीन से चार माह तक नियमित उपयोग करने से बायो आयल में मौजूद तत्व, विटामिन्स व एण्टी-आक्सीडेन्ट गुण से चेहरे का सम्पूर्ण पोंषण होकर झुर्रियां, मुहांसे तथा दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं तथा चेहरा सुन्दर एवं आकर्षक हो जाता है। चेहरे की रंगत में निखार आ जाता है।
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स्ट्रेच मार्कस में अत्यन्त लाभकारी हैः स्त्रियों में मोटापा, गर्भावस्था, हार्मोन रिप्लेसमेन्ट, वजन घटने-बढ़ने इत्यादि कारणों से स्ट्रेच मार्क्स बन जाते हैं। बायों आयल का नियमित उपयोग करने से स्ट्रेच मार्क्स काफी कम हो जाता है तथा रंगत में निखार आता है।।
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ड्राई स्किन में अत्यन्त लाभदायक हैः शुष्क जलवायुयुक्त स्थलों पर रहने या प्रतिदिन साबन लगाकर स्नान करने से त्वचा ड्राई हो जाती है जिसके कारण नष्ट हो जाता है। बायो आयल का नियमित उपयोग करने से त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है तथा त्वचा में नमी आकर निखार व चमक आ जाती है जिससे सौन्दर्य बढ़ जाता है।
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बालों के लिए अत्यन्त लाभदायक हैः बालों को शैम्पू से धो कर सुखा कर बायो आयल की बालों में नियमित मालिश करने से बालों का झड़ना, कमजोर होकर टूटना, बालों के दो मुंहा हो जाने, असमय सफेद होने लगनें, ग्रोथ न करने आदि समस्याएं दूर हो जाती है। बाल स्वस्थ, घने, मजबूत व लम्बे हो जाते हैं।
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चोट के कारण बने हुए निशान को कम करने में सहायक हैः बायो आयल का नियमित उपयोग करने से चोट के कारण त्वचा पर बने हुए कम हो जाते हैं।
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त्वचा की आयली समस्या को दूर करता हैः बायो आयल का दिन में दो बार नियमित उपयोग करने से त्वचा के आयलीपन की समस्या दूर हो जाती है।
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होठों पर निखार लाता हैः बायो आयल को प्रतिदिन दो बार होठों पर लगाने से होंठों पर निखार आता है तथा होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते हैं।
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चेहरे के मेकप को रिमूव करता हैः बायो आयल को काटन में लगाकर चेहरे पर मसाज करके चेहरे का मेकप रिमूव किया जा सकता है।
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फेसवास का कार्य करता हैः बायो आयल की 5-6 बूंद कुछ पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाकर 5-7 मिनट बाद ठण्डे पानी से चेहरे को धुल लेने से फेसवास का कार्य करता है।