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दौड़ने के 15 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ
दौड़ लगाना सबसे आसान व्यायाम है जिसे बच्चे, वयस्क तथा बुजुर्ग सभी आसानी से कर सकते हैं। दौड़ लगाने से शरीर के सभी अंगों पर बल पड़ता है जिसके कारण सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है। नियमित रूप से प्रतिदिन दौड़ लगाने से सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ तथा निरोग रहता है। दौड़ लगाने के एक नही बल्कि अनेकों लाभ हैं। इस लेख में दौड़ लगाने से पूर्व ध्यान में रखने वाली बातों, दौड़ लगाने के तरीके तथा दौड़ लगाने से होने वाले कुछ विशिष्ट स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला जा रहा हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए दौड़ लगाकर भरपूर स्वास्थ्य लाभ उठाये जा सकते हैं।
दौड़ लगाने से पूर्व ध्यान में रखने वाली मुख्य बातें
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यदि मोटापे के शिकार हैं, शारीरिक दुर्बलता है, श्वास रोग या अन्य किसी रोग से पीड़ित हैं या लम्बे अरसे से कोई योगासन नही करते हैं तो चिकित्सक से सलाह लेकर ही दौड़ें अन्यथा स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। दौड़ते समय हल्के तथा शार्ट वस्त्र एवं कम्फर्टेबल जूते मोजे पहनें। ऐसे स्थान जहां पर वाहनों के निरन्तर आवागमन से वायु प्रदूषित रहती है, न दौड़ें, अन्यथा श्वास सम्बन्धी समस्या उत्पन्न हो सकती है। कठोर सतह (जैसे- सड़क, सीमेन्टेड रोड) पर दौड़ने से बचें, किसी प्राकृतिक स्थल या पार्क जहां पर घास है, पर खूब सुबह दौड़ना सर्वोत्तम हैं। सामर्थ्य के अनुसार ही दौड़ लगाएं, किसी के कम्टीशन में शरीर का अतिक्रमण करके दौड़ न लगाएं। अधिक ठण्ड के मौसम में बाहर न दौड़े अन्यथा हाइपोथर्मिया हो सकता है। गर्म मौसम में बाहर न दौड़ें अन्यथा शरीर में निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है।
दौड़ लगाने के तरीके
दौड़ने से पूर्व दो से तीन गिलास गुनगुना पानी पिएं। शरीर को वार्म अप करें। इसके बाद धीरे-धीरे दौड़ लगाना आरम्भ करें। प्रारम्भ में दौड़ लगाते समय धीरे-धीरे थोड़ी-थोड़ी दूर दौड़ें। धीरे-धीरे दौड़ने की दूरी तथा गति बढ़ाएं। सप्ताह में एक से दो दिन विश्राम करें अर्थात न दौड़ें। दौड़ते समय मुख से श्वास न लें। मुख बन्द रखें तथा नाक से ही लम्बी-लम्बी श्वास लें। दौड लगाते समय शरीर का अतिक्रमण न करें। प्रतिदिन 30 से 45 मिनट तक दौड़ लगाना चाहिए।
दौड़ने के 15 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ
- कोलेस्ट्राल कम हो जाता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से मेटाबालिज्म बढ़ जाता है जिसके कारण शरीर में कोलेस्ट्राल नही बढ़ता। यदि कोलेस्ट्राल पहले से बढ़ा हुआ हैं तो बैड कोलेस्ट्राल कम हो जाता है।
- मोटापा कम हो जाता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर में जमा अनावश्यक चर्वी कम होकर मोटापा कम हो जाता है तथा वजन कम हो जाता है।
- ब्लड प्रेशर नियन्त्रित रहता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर की रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्राल नही जमता जिसके कारण ब्लड प्रेशर नियन्त्रित रहता है।
- हड्डियां तथा मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर की मांसपेशियां तथा हड्डियां मजबूत तथा सुडौल हो जाती हैं, शरीर आकर्षक तथा सुन्दर हो जाता है।
- हृदय स्वस्थ रहता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से हृदय की रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्राल नही जमा होता जिसके कारण हृदय स्वस्थ तथा निरोग रहता है। हृदयाघात का जोखिम बहुत कम हो जाता है।
- गहरी नींद आती हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से अच्छी तथा गहरी नींद आती है।
- फेफड़ें स्वस्थ हो जाते हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से हृदय गति बढने के कारण फेफड़ों पर जोर पड़ता है, फेफड़ों का अच्छा व्यायाम हो जाता है जिसके कारण फेफड़ें स्वस्थ हो जाते हैं।
- शरीरिक तथा मानसिक शक्ति बढ़ती हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर की शारीरिक एवं मानसिक शक्ति बढ़ जाती है।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। शरीर स्वस्थ तथा निरोग रहता है।
- पाचन शक्ति बढ़ जाती हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर का मेटाबालिज्म बढ़ जाता है जिसके कारण भूख तथा पाचन शक्ति बढ़ जाती है और पाचन तन्त्र स्वस्थ हो जाता है।
- मानसिक तनाव कम हो जाता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से मानसिक तनाव काफी कम हो जाता है।
- मधुमेह रोग नियन्त्रित हो जाता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से मधुमेह रोग नियन्त्रित हो जाता है।
- एकाग्रता बढती हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर की एकाग्रता बढ़ जाती है।
- वजन कम हो जाता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से शरीर में पूर्व से जमा अनावश्यक फैट कम होकर शरीर का वजन कम हो जाता है।
- अस्थमा रोग में काफी लाभ होता हैः नियमित रूप से दौड़ लगाने से फेफड़ें तथा श्वसन प्रणाली स्वस्थ हो जाती है जिसके कारण अस्थमा रोग में काफी लाभ होता है।